आयकर छापों में 100 करोड़ की अघोषित आय का पता चला
जबलपुर। शहर में अस्पताल और शैक्षणिक संस्थान चलाने वाले दो समूह सहित 35 कारोबारियों पर आयकर छापों में 100 करोड़ की अघोषित संपत्ति का पता चला है। इसमें से एक समूह ने 35 करोड़ की अघोषित संपत्ति होना स्वीकार कर लिया है। आयकर इसे जबलपुर के इतिहास में सबसे बड़ी कार्रवाई मान रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले तीन दिनों से शहर में चल रहे छापों में कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इन समूहों के दफ्तर और संस्थानों में शुक्रवार को भी कार्रवाई जारी रही। वहीं समूह के संचालकों, साझेदारों और कर्मचारियों के घरों पर चल रही कार्रवाई गुरुवार ही पूरी हो गई थी। अधिकारियों ने चार दिन में छानबीन कर चोरी से जुड़ी कई अहम जानकारियां जुटाई हैं। अन्य जगह मारे गए छापों में अब तक 65 करोड़ रुपए से ज्यादा की अघोषित आय का आकलन किया गया।
ऐसे की पूरी कार्रवाई
तीन दिन तक चली कार्रवाई के संचालन के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया था। सभी अधिकारी इससे जुड़े थे। हर जानकारी का विस्तृत ब्यौेरा वरिष्ठ अधिकारियों को दिया जा रहा था। हर ठिकाने की पहचान के लिए एक कोड वर्ड दिया गया था। जांच के दौरान जब्त कम्प्यूटर और लैपटॉप को खंगालने के लिए मुंबई से दो एक्सपर्ट बुलाए गए थे, जिन्होंने पूरा डाटा खंगाला। इस दौरान डाटा लेने के लिए जो हार्डडिस्क मंगवाई वो भी कम पड़ गईं।
और बढ़ सकता है अघोषित आय का आंकड़ा
मंगलवार को आयकर की इन्वेस्टीगेशन टीम ने शहर के दो गु्रप और इनसे जुड़े पार्टनर के घर-ऑफिस में छापा मारा था। हालांकि अब तक की जांच में कर चोरी में जो आंकड़ा आया है, वह और बढ़ सकता है। टीम को छानबीन में 500 से ज्यादा रजिस्ट्रियां और कैश मिला है। ग्रुप के एक घर से कैश गिनने की 3 मशीनें भी बरामद हुई हैं।