आशिक बाबा का दावा- पुलवामा अटैक में था ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का हाथ
जम्मू कश्मीर के सैन्य शिविर पर हमले के आरोपी आशिक बाबा ने दावा किया है कि 2017 में पुलवामा पुलिस लाइंस पर हुए आतंकी हमले को पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुफ्ती वकास ने अंजाम दिया था। बता दें कि इस हमले में आठ सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।
माना जा रहा है कि आशिका बाबा के पकड़े जाने से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कई खुलासे हो सकते हैं। आशिक बाबा पाकिस्तानी आतंकी संगठन के नियमित संपर्क में रहा है। इसलिए वह आतंकी संगठन की गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है।
आशिका बाबा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के करीबियों के संपर्क में है। साथ ही वह अगर पकड़ा जाता है तो उसके जिहादियों से संबंध के बारे में भी ब्योरा मिल सकता है। कई आतंकियों को कश्मीर तक पहुंचाने में आशिक बाबा जैश-ए-मोहम्मद के लिए अहम भूमिका निभाता है। वहीं, इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के अनुसार, 2017 में जैश-ए-मोहम्मद ने भारत के कई राज्यों में आतंकी भेजे थे।
उल्लेखनीय है कि 26 अगस्त 2017 को तीन आतंकी इंडियन आर्मी की यूनिफॉर्म में कैंप में घुसे और हमला कर दिया। इस दौरान कैंप में जवानों के घरवाले भी मौजूद थे।
हुर्रियत नेताओं ने चिट्ठी लिखकर की थी आतंकियों को पाक वीजा देने की सिफारिश: एनआईए
आशिक बाबा को पाकिस्तान दौरे का वीजा हुर्रियत नेताओं के सिफारिशी पत्र के आधार पर दिया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बृहस्पतिवार को बयान जारी कर बताया था कि सैन्य शिविर पर हमले के आरोपी बाबा और दो अन्य आतंकी, तारिक अहमद डार व मुनीर-उल-हसन कादरी से हुई पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है। ये तीनों आतंकी अभी एजेंसी की हिरासत में हैं।
जांच एजेंसी के मुताबिक, गिरफ्तार आतंकियों से हुई पूछताछ में पता चला है कि नागरोटा शिविर पर हुए हमले में पाकिस्तानी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कमांडरों का हाथ था। ये सभी आतंकी व्हाट्सएप के वायस और टेक्स्ट मैसेजेज के जरिये मुजफ्फराबाद स्थित मौलाना मुफ्ती अशगर के लगातार संपर्क में थे। अशगर का भतीजा दक्षिणी कश्मीर में जैश का कमांडर था, जो हाल ही में पुलवामा के पास हुई मुठभेड़ में मारा गया।
एनआईए के बयान में कहा गया था कि ये सभी आतंकी अशगर के अलावा रावलपिंडी के कमांडर कारी जरार, वसीम और अबू तल्हा के संपर्क में भी थे। जरार, वसीम और तल्हा जम्मू क्षेत्र में आतंकियों की नियुक्ति का इंचार्ज है।
जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश रचने के लिए आशिक बाबा ने 2015 से 2017 के बीच कानूनी तरीके से वाघा बॉर्डर पार कर चार बार पाकिस्तान की यात्रा की थी। उसे सैयद अली शाह गिलानी, गनी भट और मौलाना उमर फारूक जैसे हुर्रियत नेताओं के सिफारिश पत्रों पर वीजा दिया गया था।
जांच एजेंसी ने बताया था कि अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान आशिक ने जैश के कमांडरों से मुलाकात की और स्थानीय आईएसआई एजेंट से हरी झंडी मिलने के बाद उनसे निर्देश प्राप्त करता रहा। वहां से लौटने के बाद वह निर्देश पाता रहा कि कैसे और कब आतंकी संगठन के संपर्क में रहना है।
हमले के एक सप्ताह पहले उसे और दूसरे गिरफ्तार आतंकी मुनीर को सांबा सेक्टर हाईवे के पास पहुंचने के लिए जीपीएस दिया गया और साथ ही पाकिस्तान के आकाओं से व्हाट्सएप के जरिये वह नागरोटा सैन्य कैंट पर हमला करने की जानकारी पाता रहा।