पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्याओं की परिस्थितियों को लेकर गुरुवार को लोकसभा में अपनी एक टिप्पणी के लिए केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत को कांग्रेस की भारी आपत्ति के बाद आज खेद प्रकट करना पड़ा। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गहलोत की टिप्पणी के विषय को उठाया और इसे दोनों पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्रियों का अपमान बताया और माफी मांगने की मांग की।
गहलोत ने किया खेद प्रकट
गहलोत ने कहा कि गुरुवार चर्चा के दौरान इंदिरा जी और राजीव जी की दुखद मृत्यु का उल्लेख किया था। अगर किसी को कोई आपत्ति है तब मेरा किसी की भावना आहत करने, उद्वेलित करने या दुख पहुंचाने का मकसद नहीं था। उनका प्रधानमंत्री के तौर पर मैं सम्मान करता हूं। अगर किसी को चोट पहुंची है तब मैं खेद प्रकट कर रहा हूं।
वेंकैया नायडू का बयान
संसदीयकार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में काम किया। उनके जमाने की नीतियों पर बात कर सकते हैं, उसकी आलोचना कर सकते हैं, लेकिन उनकी हत्या, बलिदान के बारे में कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है। भावनाएं आहत हुई हैं तब इसके दो रास्ते हैं। एक, या तो मैं स्थिति स्पष्ट करूं अथवा संबंधित मंत्री आएं और खेद प्रकट करें।
कांग्रेस ने की माफी की मांग
सदन में थावर चंद गहलोत उस समय मौजूद नहीं थे। सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के अन्य सदस्यों को मंत्री को बुलाने और माफी मांगने की मांग करते देखा गया। इसके बाद कांग्रेस के कुछ सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारे लगाने लगे। इसी बीच गहलोत सदन में आए और खेद प्रकट किया। इसके बाद गुरुवार को शुरू हुई संविधान दिवस पर अधूरी चर्चा आगे चली। गहलोत की आपत्तिजनक टिप्पणियों को अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने गुरुवार की कार्यवाही से निकाल दिया था।