इंद्राणी अभी खतरे से बाहर नहीं, जेल अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
शीना मर्डर केस में जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी की हालत अभी ठीक नहीं है. जेजे अस्पताल के डॉक्टरों ने साफ कहा है कि उसकी हालत में अभी कोई खास सुधार नहीं हुआ है. वह अभी खतरे से बाहर नहीं है. इंद्राणी के परिवार ने इस सबके पीछे जेल अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है.
इंद्राणी की हालत गंभीर
डॉक्टरों के मुताबिक ज्यादा मात्रा में गोलियां खाने से इंद्राणी की तबीयत बिगड़ी थी. जेजे हॉस्पिटल के डीन टीपी लहाने के मुताबिक ओवरडोज से उसकी हालत खराब हुई है जो अभी भी संभल नहीं पा रही है. उसके एमआरआई की रिपोर्ट ठीक है लेकिन दवा को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. जिसकी रिपोर्ट शनिवार की शाम तक आने की उम्मीद है.
इंद्राणी ने पीटर को लिखे खत
उधर, आज तक को इंद्राणी के परिवार से महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. इंद्राणी के परिवार ने इस पूरे मामले के पीछे जेल अधिकारियों पर लापरवाही का इल्जाम लगाया है. मुखर्जी परिवार के करीबी सूत्रों ने आज तक को बताया कि इंद्राणी ने जेल से पीटर को पत्र लिखे थे. उसमें इस तरह की किसी बात का जिक्र नहीं था जिससे यह लगे कि वह डिप्रेसन में है. पिछले कुछ हफ्तों में इंद्राणी ने पीटर को तीन खत लिखे हैं. इनमें से आखरी खत पिछले सप्ताह पीटर को मिला था. इंद्राणी ने पीटर को भेजे गए खत में लिखा था कि वह पीटर और उसके परिवार को इस हालात में डालने के लिए शर्मिंदा है. इंद्राणी ने विश्वास व्यक्त किया था कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से साफ निकलकर बाहर आने में सक्षम हो जाएगी.
बचाव की रणनीति बना रही थी इंद्राणी
इंद्राणी ने लिखा था कि जेल के अधिकारियों उसके साथ ठीक से पेश आ रहे हैं. उसने जेल में अपनी नई दिनचर्या बनाई है. जिसे वह नियमित रूप से अपना रही है. उसने कहा था कि वह इस केस में अपने बचाव की रणनीति भी तैयार कर रही है. इंद्राणी ने खत में भी लिखा था कि वह पीटर को बहुत ज्यादा मिस करती है. और उसे लगता है कि पीटर भी उसे मिस करते होंगे. इंद्राणी के खत ज्यादातर व्यक्तिगत ही रहे. उनमें केस के बारे में कुछ ज्यादा मैटर नहीं था.
आत्महत्या की बात नकारी, जेल अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक आत्महत्या की बातें बेबुनियाद हैं. आरोप है कि इंद्राणी को निर्धारित खुराक से ज्यादा दवा दिए जाना जेल अधिकारियों की चिकित्सा लापरवाही का मामला है. आज तक को मिली जानकारी के मुताबिक इंद्राणी मुखर्जी का मिर्गी या अवसाद का कोई इतिहास नहीं था. इंद्राणी के लिए वहां दवाओं में केवल मल्टी विटामिन और आई ड्रोप थी. जेल में कोई भी दवा बाहर से नहीं लाई जा सकती है. ऐसे ही एक अनुरोध को जेल अधिकारियों ने ठुकरा दिया था. उन्हें केवल जेल डॉक्टरों के कहे अनुसार ही दवा दी जा सकती है.
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दवा के बारे में नहीं दी परिवार को जानकारी
मुखर्जी पारिवारिक ने शिकायत करते हुए कहा कि जेल अधिकारियों ने उन्हें यह नहीं बताया कि इंद्राणी को पर्चे में लिखी दवाएं दी जा रही हैं. परिवार का कहना है कि जेल अधिकारियों को कम से कम इंद्राणी की तबीयत और उसके लिए निर्धारित की गई दवाओं के बारे में वकीलों या परिवार के सदस्यों को सूचित करना चाहिए था.
इंद्राणी की हालत से पीटर परेशान
इंद्राणी की इस हालत ने पीटर मुखर्जी हिलाकर रख दिया है. अब वह इंद्राणी से मिलने की योजना बना रहे हैं. अभी तक पीटर ने एक भी बार इंद्राणी से जेल में मुलाकात नहीं की है. हत्या का आरोप लगने के बाद से परिवार उनके प्रति बहुत परेशान है.
इंद्राणी से मिल सकते हैं पीटर
हालांकि, इंद्राणी की मौजूदा हालत को देखते हुए पीटर के वकील सोमवार को अदालत में एक आवेदन दे सकते हैं ताकि पीटर को इंद्राणी से मुलाकात की इजाजत मिल जाए. फिलहाल पीटर शहर से बाहर गए हुए हैं. कल उनके वापस मुंबई लौटने की संभावना है.
इंद्राणी को मां की मौत के बारे में पता चला या नहीं
पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि वे नहीं जानते कि इंद्राणी को उसकी मां के निधन के बारे में जानकारी दी गई है या नहीं. शुक्रवार को इंद्राणी के वकील ने जेल अधिकारियों को फोन पर सूचित किया था कि उसकी मां का निधन हो गया है. और यह जानकारी इंद्राणी को देने के लिए कहा था. हालांकि, जेल अधिकारियों ने इंद्राणी से बातचीत करने के अनुरोध को ठुकरा दिया था. उन्होंने उसके वकीलों को अदालत में एक आवेदन करने के लिए कहा था.
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