उत्तर प्रदेशलखनऊ

इखलाक प्रकरण के उभरने से अटका आरएलडी और एसपी का गठबंधन

msid-52554894,width-400,resizemode-4,mulayam-ajitलखनऊ दादरी में पिछले साल भीड़ के हमले में मारे गए इखलाक के घर से मिले मांस के ‘बीफ’ होने की बात सामने आने के बाद आरएलडी और एसपी के बीच गठबंधन भी खटाई में पड़ता दिख रहा है। 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले दोनों दल गठबंधन करने की तैयारी में थे। आरएलडी के सूत्रों के मुताबिक इखलाक के घर से मिले मांस को ‘बीफ’ बताने वाली फॉरेंसिक रिपोर्ट पर सीएम अखिलेश यादव की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद यह पेंच फंस गया है। 8 विधायकों वाली आरएलडी के नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व से कहा कि एसपी के इस रवैये का गलत असर पड़ सकता है और गठबंधन होने की सूरत में पार्टी से जाट मतदाता छिटक सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक आरएलडी के विधायकों ने लीडरशिप से कहा है कि एसपी के साथ जाने पर पार्टी से जाट समुदाय नाराज हो सकता है। वहीं, मुस्लिम समुदाय के पर्याप्त वोट मिलने की भी कोई उम्मीद नहीं है। इसकी वजह यह है कि मुस्लिम मतदाताओं का वोट एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के बीच बंटा हुआ है। चार दिन पिछले सप्ताह ही अजित सिंह और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के बीच मीटिंग हुई थी। इसके बाद से ही दोनों दलों के बीच गठबंधन होने की संभावनाओं को हवा मिलने लगी थी।

अजित सिंह ने संपर्क करने पर बताया था कि एसपी के साथ गठबंधन करने का फैसला पार्टी विधायकों से मशविरा करने के बाद ही लिया जाएगा। सिंह ने कहा था, ‘मुलायम सिंह यादव के साथ मेरी मुलाकात काफी अच्छी रही। सिर्फ एक मुलाकात में गठबंधन पर फैसला नहीं लिया जा सकता है।’

आरएलडी और एसपी के बीच 2004 से 2007 के बीच भी गठबंधन रहा था। अजित सिंह ने कहा कि गठबंधन को लेकर दोनों दलों के बीच कई मामलों पर बात पर होगी। हालांकि उन्होंने इस बात से साफ इनकार किया कि उन्होंने समाजवादी पार्टी से राज्यसभा की सीट मांगी है।

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