विष्णु पुराण में दैनिक जीवन में करने तथा न करने योग्य अनेक बातों का उल्लेख किया गया है। इसमें विवाह संस्कार का भी विस्तृत विवरण है। इस ग्रंथ में बताया गया है कि किस प्रकार की महिला से विवाह नहीं करना चाहिए। वास्तव में इसके पीछे विवाह के पश्चात जीवन में सुख और उसकी पवित्रता का ध्यान रखा गया है। जानिए, किन चार महिलाओं से विवाह करने से अशुभ फल मिलता है।
विष्णु पुराण के अनुसार जो महिला बहुत आलसी हो और जिसकी विश्राम में ही ज्यादा रुचि हो, जो घर की साफ-सफाई का ध्यान न रखे तो ऐसी महिला को जीवनसाथी न बनाने में ही भलाई है। चूंकि देर तक सोने और अत्यधिक विश्राम से शरीर रोगी हो सकता है। इसके अलावा अत्यधिक आलस्य सुखी गृहस्थ जीवन के लिए भी कई कठिनाइयां पैदा करता है।
जो महिला अत्यधिक क्रोधी हो, जो कटु वचन बोलती हो, जो घर के लोगों व अतिथियों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार न करे, उसके साथ विवाह नहीं करना चाहिए। ऐसी महिला के साथ शादी करने से घर में कलह का वातावरण रहता है और इससे दुख की उत्पत्ति होती है। अतः ऐसी स्थिति से बचने के लिए अत्यधिक क्रोधी व कटु वचन बोलने वाली महिला के साथ विवाह नहीं करना चाहिए।
हिंदुओं में विवाह के समय गौत्र टालने की परंपरा है। विष्णु पुराण में भी इस पंरपरा का समर्थन किया गया है। इस ग्रंथ में कहा गया है कि अगर महिला माता या पिता के वंश की ओर से है तो उसके साथ विवाह नहीं करना चाहिए। इससे आनुवंशिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
इसके अलावा जिस महिला का मेलजोल दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों या अपराधियों आदि से हो तो उससे कभी विवाह नहीं करना चाहिए। इससे न केवल भविष्य में कलंक लग सकता है बल्कि संकट में फंसने का भी भय होता है। अतः दुष्टों से संबंध रखने वाली महिला से विवाह न करने में ही कल्याण है।