जीवनशैली

इन 5 बुरी आदतों को करें बाय-बाय, जानिए इनके खतरे

nail-biting-5680de53cfb7d_lकई ऐसी दैनिक गतिविधियां होती हैं, जिन्हें हम आमतौर पर जाने-अनजाने करते हैं। इनके दुष्प्रभाव से अनजान होने की वजह से धीरे-धीरे ये हमारी आदत का हिस्सा बन जाती हैं। जानते हैं इनके खतरे ताकि समय रहते इन्हें बाय-बाय कर सकें-

दांतों से नाखून काटना

मुबई की डॉ. अप्रितम गोयल के अनुसार दांतों से नाखून काटने से नाखूनों का विकास प्रभावित होता है। इससे नाखून छोटे व चौड़े होकर खराब दिखने लगते हैं। कई बार क्यूटिकल्स भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जिनसे संक्रमण फैलकर उस स्थान पर दर्द हो सकता है। नाखूनों में जमा मैल व कीटाणु मुंह के माध्यम से पेट में पहुंचकर कई तरह की परेशानियां बढ़ा सकते हैं।

बिस्तर पर स्मार्ट फोन

यू. एस. के. बील कोर्नेल सेंटर फॉर स्लीप मेडिसिन की सहायक प्रो. डायना ऑगेली कहती हैं- बिस्तर पर सेलफोन का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। सेलफोन से निकलने वाली रोशनी उत्तेजित करती है। इसके दूरगामी प्रभाव खतरनाक होते हैं। यह ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल व प्रोस्टेट कैंसर का कारण बन सकता है। यह स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन को भी बेअसर कर देता है जिससे अनिद्रा की समस्या हो सकती है।

यूरिन रोककर रखना

कोलकाता के बेलव्यू अस्पताल में यूरोलॉजी के प्रमुख डॉक्टर अमित अग्रवाल कहते हैं-कुछ लोग आदतन या किसी अन्य कारण से मल-मूत्र रोककर रखते हैं। ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इससे गैस, एसिडिटी, पेट में गड़बड़ी आदि समस्याएं हो सकती हैं। वहीं यूरिन को अधिक समय तक रोकने से ब्लैडर की मसल्स पर दबाव पड़ता है और ये कमजोर हो सकती हैं। इसके अलावा यह किडनी के लिए भी हानिकारक है।

बार-बार खंखारना

गले में म्यूकस या कुछ फंसने पर हम अक्सर खंखार कर गला साफ करने की कोशिश करते हैं, लेकिन आदतन बार-बार ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है। इससे आवाज बाधित या मोटी होने की भी आशंका रहती है। ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. उत्तम अग्रवाल के मुताबिक जोर-जोर से गला बार-बार खंखारने पर गले के ऊत्तकों को नुकसान पहुंचता है और वोकल कॉर्ड को भी क्षति पहुंचती है।

अंगुलियां चटकाना

कई लोग दिनभर हाथ की अंगुलियों को दबाकर चटकाते रहते हैं। अमरीकन एकेडमी ऑफ ओर्थोपेडिक सर्जन्स के डॉक्टर लियोन बेंसन के मुताबिक कभी-कभी ऐसा करने से कोई   खास फर्क नहीं पड़ता लेकिन रोजाना दिन में कई बार ऐसा करने से अंगुलियों के पोरों और जोड़ों से जुड़े ऊत्तकों को नुकसान पहुंचता है।

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