दस्तक टाइम्स/एजेंसी: इन चीजों को अपने खान-पान में शामिल करने से आपकी गर्भधारण की संभावना काफी हद तक बढ़ सकती है। ये हर्बल उपचार बांझपन से लडऩे में कारगर है…
अश्वगंधा काम में लें। यह जड़ी बूटी हार्मोनल-संतुलन ठीक करती है। रिप्रोडक्टिव ऑर्गन की कार्य क्षमता को बढ़ाती है। गर्भाशय को स्वस्थ बनाने में मदद करती है। अगर आपको यूटरस रिलेटेड कोई इस तरह की प्रॉब्लम हो, तो एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण मिलाकर दिन में दो बार पीएं।
अनार महिलाओं के लिए अच्छा होता है। यह गर्भाशय के रक्त प्रवाह में वृद्धि करता है। गर्भाशय की दीवारों को मोटा कर के गर्भपात की संभावना को कम करने में मददगार है। अनार खाएं और इसका रस पीएं। इसके अलावा अनार के बीज और छाल को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण को कुछ दिनों तक दिन में दो बार एक गिलास गुनगुने पानी के साथ आधा चम्मच लें।
दालचीनी इंफर्टिलिटी से लड़ती है। दालचीनी डिम्ब-ग्रंथि के सही-सही रूप से कार्य करने में मदद कर सकती है। अनाज, दलिया और दही पर दालचीनी पाउडर का छिड़क कर खाएं-पीएं। इसके अलावा एक चम्मच दालचीनी पाउडर एक कप गर्म पानी में मिलाकर पीएं। इसका प्रयोग एक दिन में 2 चम्मच से अधिक ना करें। एक दिन में एक बार ही इस घोल को बनाकर पीना ठीक रहता है।
खजूर गर्भधारण की क्षमता को बढ़ाता है। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं जैसे कि विटामिन ए, ई और बी लोहा और अन्य जरूरी खनिज तत्व आदि। मां बनने की ख्वाहिश है, तो खजूर का सेवन करें। विटामिन डी की कमी के कारण भी बांझपन होता है। ऐसे में सुबह 10 मिनट धूप में जरूर रहें। विटामिन डी युक्त चीजें खाएं-पीएं।
बरगद के वृक्ष की जडें काम में लें। आयुर्वेद के अनुसार बरगद के पेड़ की कोमल जडें़ बांझपन के इलाज में प्रभावी है। बरगद के पेड़ की जड़ों को धूप में सुखाकर चूर्ण बना लें। पीरियड्स खत्म होने के बाद एक गिलास दूध में 2 बड़े चम्मच इस छाल का चूर्ण मिलाकर तीन रात पीएं। इसके बाद कुछ देर तक कुछ न खाएं।
प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने वाले योग करें। जैसे कि नाड़ी-शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, पश्चिमोत्तानासन, हस्तपादासन, जानू शीर्षासन, बाधा कोनासना, विपरीत-करणी और योग निद्रा आदि।