अद्धयात्म

इन अशुभ बातों की वजह से होती है हर व्यक्ति की शादी में देरी, जानें

शादी-ब्याह हर किसी के जीवन में बहुत खास होता है। यह प्रकृति का नियम भी है कि हर पुरुष एक महिला से शादी करके अपनी पीढ़ी को आगे बढ़ाये। भारतीय परम्परा में शादी को एक संस्कार की तरह माना जाता है। जीवन के अन्य कामों की तरह ही इसे भी बहुत जरुरी माना गया है। हर लड़का-लड़की अपनी शादी के सपने संजोता है। एक उम्र के बाद शादी को लेकर हर किसी के मन में रोमांच होता है। सभी की चाहत होती है कि उसकी शादी किसी अच्छे हमसफ़र से हो।

लेकिन जैसा कि कहा गया है व्यक्ति की कुंडली में अगर दोष होता है या ग्रहों-नक्षत्रों से जुड़ी कोई समस्या होती है तो उसे जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र यानी शादी में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सही समय पर शादी ना होने से व्यक्ति परेशान हो जाता है। भारतीय समाज में अगर किसी लड़की की शादी सही समय पर नहीं होती है तो लोग तरह-तरह की बातें करने लगते हैं।

कई बार लड़की या लड़के के सुयोग्य होने के बाद भी उसकी शादी नहीं होती है। जिनकी शादी नहीं होती है, वह शादी करने का प्रयास भी करते हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलती है। लाख कोशिशों के बाद सही समय पर उनकी शादी नहीं हो पाती है। अगर होती भी है तो वह ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाती है। इसके बारे में ज्योतिषियों का कहना है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में दोष होता है, उसे इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको इसके बारे में प्रसिद्द का क्या कहना है वो बताने जा रहे हैं।

इन अशुभ बातों से होती है शादी में देरी:

*- अगर व्यक्ति की कुंडली के सप्तम भाव में बुध और शुक्र दोनों हों तो उस व्यक्ति की विवाह की बातें चलती रहती हैं लेकिन उसके विवाह में देरी होती है।

*- अगर किसी महिला की कुंडली के चौथे भाव या लग्न भाव में मंगल हो, सप्तम भाव में शनि होता है तो उसका शादी करने में मन नहीं लगता है।

*- ज्योतिषियों के अनुसार जिन लोगों की कुंडली के सातवें भाव्मे शनि और गुरु होता है, उनकी शादी देरी से होती है।

*- अगर जिस व्यक्ति की कुंडली चन्द्र से सप्तम भाव में गुरु हो तो उसकी शादी देरी से होती है। चन्द्र की राशि कर्क से भी ठीक ऐसी ही बात होती है

*- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली के सप्तम भाव में कोई भी शुभ ग्रह योग ना हो तो विवाह में देरी होती है।

*- जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य, मंगल और बुध लग्न भाव में हो और गुरु बारहवें भाव में हो तो वह व्यक्ति अध्यात्मिक होता है। इसी वजह से उस व्यक्ति की शादी में रूचि ना होने के कारन देरी होती है।

*- जिस व्यक्ति की कुंडली के लग्न भाव में, सप्तम भाव में और बारहवें भाव में गुरु यह कोई शुभ ग्रह ना हो या चन्द्र कमजोर हो तो उस व्यक्ति की शादी में देरी होती है।

*- अगर किसी महिला की कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी या सप्तम भाव शनि से पीड़ित हो तो उसकी शादी देरी से होती है।

*- अगर किसी व्यक्ति की शादी राहु की दशा में हो या राहु सप्तम को पीड़ित कर रहा हो तो उस व्यक्ति की शादी होने के बाद टूट जाती है। ऐसा दिमाग के भ्रम की वजह से होता है।

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