इन खुबसूरत नज़ारो की वजह से मशहूर है बांग्लादेश
बांग्लादेश इंडियन सब कॉन्टिनेंट का महत्वपूर्ण अंग है। विभाजन के पहले यह भारत का ही हिस्सा था, पर एक स्वतंत्र देश के रूप में भारत के साथ इसके रिश्ते बहुत ही मायने रखते हैं। यहां प्राचीन काल की कलाओं से लेकर मॉडर्न आर्ट की झलक भी देखने को मिलती हैं। यहां के प्रकृतिक नजारे सैलानियों का मन मोह लेते हैं। बांग्लादेश अपनी किन जगहों के कारण दुनिया भर में जाना जाता है, इनके बारे में जानेंगे।
ढाका- ढाका बांग्लादेश की राजधानी है। सिर्फ देश की राजधानी के कारण ही नहीं, अपने कई आकर्षणों के कारण भी ये सैलानियों के बीच फेमस है। यहां पुरानी और नई सभ्यताओं के कई नमूने देखने को मिलते हैं। मोतीझील यहां का मुख्य कमर्शियल एरिया है। ढाका का प्रसिद्ध सदरघाट बूढ़ी गंगा नदी पर बना हुआ है। यहां हर वक्त सैलानियों से लेकर स्थानीय लोगों की चहल-पहल देखी जा सकती है। सदरघाट के सुंदर नजारों को देखने के लिए बोट, स्टीमर, पैडल स्टीमर, मोटर आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं।
चिटगांव- पहाड़ों, घने जंगलों और झीलों से घिरा चिटगांव छुट्टियां मनाने के लिहाज से बहुत ही अच्छी जगह है। ये बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इसे बंगाल का गेटवे भी कहा जाता है, क्योंकि यहां इंटरनेशल पोर्ट है। हरे-भरे पहाड़, दूर तक फैले बीच और सुहावना मौसम चिटगांव की खूबसूरती को और बढ़ाते हैं। हेवी, मीडियम और लाइट इंडस्ट्री के लिए चिटगांव मशहूर है।
रंगामाती- हरियाली के बीच टेढ़े-मेढ़े सड़क मार्ग से रंगामाती पहुंचा जा सकता है। खूबसूरत पहाड़ों और प्राकृतिक दृश्यों का असली आनंद यहीं आकर मिलता है। कपताई झील के पश्चिम में स्थित रंगमाती को झीलों के दिल नाम से भी जाना जाता है। खूबसूरत लैंडस्केप, नेचुरल ब्यूटी, झील, हैंगिंग ब्रिज, हाथीदांत से बनी ज्वैलरी, चकमा और मरमा जनजातियों के म्यूजियम यहां आकर्षण के केंद्र हैं।
कपताई- चिटगांव से 64 किमी का सफर तय करने के बाद यहां पहुंचा जा सकता है। हरे-भरे जंगलों और नीले पानी का नजारा यहां की खूबसूरती को दोगुना कर देता है। 680 स्क्वेयर किमी में फैला कपताई झील कामाफुली नदी पर बना है। यहां प्राचीन चिट मोरोंग बौद्धों का मंदिर और वहां के स्टैचू देखने लायक हैं। यहां आसपास के चंद्राघोन, खग्राचारी और बंदरबन जगह भी घूमने के लिहाज से बहुत ही अच्छी हैं।
सिलहट- हरे-भरे चाय के बगानों और सुरमा घाटी की खूबसूरती इस जगह के आकर्षण को काफी बढ़ा देती है। चाय के अलावा यहां संतरे और अनानास के पेड़ बहुत ही सुंदर लगते हैं। इस घाटी में सर्दियों के दिनों में बहुत सारे सर्बियन पक्षी आते हैं। सिलहट का श्रीमंगल बांग्लादेश की चाय की राजधानी के नाम से जाना जाता है। चाय के खेत मीलों तक फैले हैं, जो दूर से ही नजर आने लगते हैं।
सुंदरवन- ढाका से लगभग 320 किमी पश्चिम में खुलना नामक एक जगह है। 6000 स्क्वेयर किमी के एरिया में फैले खुलना सबसे बड़े मैंग्रोव जंगलों के लिए जाना जाता है। सुंदरवन रॉयल बंगाल टाइगरों का गढ़ है। यहां के जंगलों में आसानी से इन्हें घूमते हुए देखा जा सकता है। घड़ियाल, चीता, हिरण, बंदर, पाइथॉन और जंगली भालुओं को देखने का भी एक अलग ही आनंद है।
कुआकाटा- बांग्लादेश के पतुआखाली का कुआकाटा बीच खूबसूरत और शांत समुद्र तटों में से एक है। यहां सूरज निकलने और ढलने का नजारा देखना वाकई एक अलग अहसास है। सैलानियों के यहां आने का मुख्य कारण यहां का शांत वातावरण है।
राजशाई- पाल वंश के शासन काल से ही राजशाई का बहुत महत्व है। खासतौर से ये जगह प्योर सिल्क, आम और लीची के लिए मशहूर है। सिल्क के कपड़े यहां सस्ती कीमत में मिल जाते हैं। यहां प्राचीन काल की कलाओं को देखना हो तो वरेंद्र रिसर्च म्यूजियम आना सही होगा।