इन गांवों में वाई-फाई की सुविधा, एसी क्लास में पढ़ते हैं बच्चे
एजेंसी/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेघालय के एक गांव मॉफलांग पहुंचे. मॉफलांग को एशिया का सबसे साफ-सुथरा गांव माना जाता है. इस गांव में मोदी ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और उनके साथ संगीत का भी लुत्फ उठाया. मेघालय के इस गांव को ग्रामीणों ने खुद से हेरिटेज विलेज का दर्जा दिलाया है. आपको बता दें कि देश में ऐसे कई गांव है, जो अपनी फैसिलिटी से शहरों को भी मात देते हैं.
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में हिवारे बाजार नाम का गांव है. कभी यह गांव सूखे की चपेट में था. लोग जॉब के लिए शहर की ओर पलायन करते थे, लेकिन, अब हिवारे बाजार की किस्मत यहां के ग्रामीणों ने बदल दी है. बता दें कि अब गांव का नाम देश के अमीर गांवों में आता है. गांव के एक व्यक्ति पोपट राव पवार ने हिवारे बाजार गांव को पूरी तरह से बदल दिया है. उन्होंने ऐसे सभी प्रोडक्ट का सेल बंद करवा दिया, जो लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाते थें. पवार ने ग्रामीणों को रेन-वाटर हार्वेस्टिंग, पशुपालन और डेयरी में पैसे इन्वेस्ट करने की सलाह दी. ग्रामीणों की मदद से पवार ने यहां ऐसा सिस्टम बनाया जिससे कोई भी आदमी यहां गरीब नहीं रहा. यहां के 80 लोग बिलेनियर्स हैं और फैसिलिटी में शहरों को भी मात देते हैं.
बिहार में धरनई गांव हर किसी को अपनी ओर अट्रैक्ट करता है. यह गांव पूरी तरह से सोलर पावर एनर्जी पर बेस्ड है. आपको बता दें कि धरनई में 30 साल तक बिजली नहीं थी. यहां की गलियां, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र सोलर पावर की रोशनी से जगमगाते रहते हैं. ग्रामीण सोलर पंप के जरिए खेतों की सिंचाई करते हैं. यहां के किसान पूरी तरह से सोलर प्लांट पर आश्रित है. धरनई के लोगों को अब बिजली की कमी कभी नहीं होती है.
कर्नाटक का कौकरेवैल्लोर गांव पक्षियों के लिए मशहूर है. यहां 21 तरह की पक्षियों की प्रजाति पाई जाती है. ग्रामीण इन्हें अपने फैमिली मेंबर की तरह रखते हैं. पक्षियों के लिए अलग से लोग फैसिलिटी देते हैं. उनके घायल होने पर इलाज की व्यवस्था भी ग्रामीणों ने कराया है. इस गांव में लोग पक्षियों को देखने के लिए विजिट करते हैं.
हरियाणा का छापर गांव भी पूरे देश को संदेश देता है. यहां बेटी पैदा होने पर पूरे गांव में मिठाई बांटी जाती है. बता दें कि हरियाणा बेटियों की हत्या को लेकर काफी सुर्खियों में रहता है. छापर गांव ने एक अलग पहचान बनाई है. इस गांव की सरपंच नीलम नाम की महिला है. नीलम ने महिलाओं के प्रति पूरे गांव की सोच को बदल दिया है. यहां अब महिलाएं घूंघट भी नहीं डालती है, साथ ही पर्दा प्रथा पर भी रोक है.
गुजरात का पंसारी गांव कई मैट्रो शहर को भी मात देता है. आपको बता दें कि ये गांव पूरी तरह से वाई-फाई से लैस है. बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूलों में एसी क्लास रूम है. गांव के चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. साथ ही ग्रामीणों का खुद का पब्लिक ट्रांसपोर्ट है. पंसारी गांव को साल 2011 में बेहतरीन ग्राम पंचायत का पुरस्कार मिल चुका है.
केरल का पोथनिक्कड गांव के सभी ग्रामीण एजुकेटेड हैं. यह भारत का पहला गांव है, जहां 100 फीसदी लिटरेसी रेट है. 2001 की जनगणना के अनुसार इस गांव में 17563 लोग शिक्षित थे. यहां सरकारी स्कूलों के साथ-साथ कई प्राइवेट स्कूल भी है.
यूपी के बलिया में पानी में आर्सेनिक की मात्रा ज्यादा पाई गई है. इस पानी को पीने से ग्रामीण बीमार हो जाते थे. गांव के लोगों ने खुद से कुआं खोदकर, उस पानी का इस्तेमाल करने लगे. ट्यूबेवल और चापाकल के पानी को पीना लोगों ने छोड़ दिया. 95 साल के धनिकराम वर्मा ने लोगों को कूएं का पानी पीने के लिए जागरूक किया.