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इन दो बुरी आदतों के कारण व्यक्ति इस लोक के साथ परलोक में भी भोगता है दुख

l_good-things-572cdf987bf25_lमनुष्य को अपने धर्म और समाज की भाषा का हमेशा आदर देना चाहिए। असत्य और निंदा के समान कोई पाप नहीं हो सकता है। इसलिए जीवन में कभी भी असत्य पर नहीं चलना चाहिए। जिस प्रकार हर रोज वस्त्र बदलते हैं ताकि शरीर और पहनावा दोनों स्वच्छ दिखें, वैसे ही विचारों को भी शुद्ध रखना चाहिए।

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