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इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग:ऑनलाइन फाइल करें, और वह भी पूरी तरह फ्री पर ध्यान रखें कुछ बातें

नई दिल्ली: एक साल में किए जाने वाले सभी महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल होता है इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करना. वित्तीय वर्ष 2016-17 के स्लैब के हिसाब से आयकर छूट की सीमा 60 साल से कम के पुरुषों और महिलाओं के लिए 2.5 लाख रुपये है. 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के बुजुर्गों के लिए यह सीमा 3 लाख रुपये है जबकि 80 साल या उससे ज्यादा उम्र के बुजर्गों के लिए 5 लाख रुपये तक की आमदनी आयकर से मुक्त है.

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इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग:ऑनलाइन फाइल करें, और वह भी पूरी तरह फ्री पर ध्यान रखें कुछ बातेंऐसे में अपनी आय के मुताबिक स्लैब को ध्यान में रखते हुए समय रहते आईटीआर (ITR) फाइल कर दें. 31 जुलाई इनकम टैक्स (आयकर) फाइल करने की अंतिम तिथि है. यदि आपकी आय पांच लाख रुपए सालाना से अधिक है तो आपको इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग करनी होगी.

नीचे दिए गए तरीके से ऑनलाइन, यानी अपने कंप्यूटर के जरिए, आईटीआर भरें :

नीचे जो प्रक्रिया हम बता रहे हैं, उसमें जितने भी बोल्ड शब्द हैं, वे क्लिकेबल हैं.

  • इनकम टैक्स को ऑनलाइन भरने की प्रक्रिया को ई-फाइलिंग (e-Filing) कहा जाता है. सभी संबंधित दस्तावेज यदि अपडेटेड फॉर्म में हों और पास रखकर बैठें तो कंप्यूटर से ई-फाइल करने में कोई झंझट तो नहीं ही होगा और समय भी बचेगा. आयकर विभाग की वेबसाइट है यह- incometaxindiaefiling.gov.in यहां से रिटर्न फाइलिंग पूरी तरह से फ्री है.
  • इनकम टैक्स रिटर्न की ई-फाइलिंग के लिए सबसे पहले आपको इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर अकाउंट बनाना होगा. इसमें अकाउंट बनाने के लिए पैन नंबर और डेट ऑफ बर्थ (जन्मदिवस) जैसी पर्सनल डीटेल का प्रयोग करना होगा. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस लिंक पर क्लिक करके अकाउंट बनाएं. आपका पैन नंबर (PAN) आपका यूजर आईडी होगा.
  • ई-फाइलिंग के दो तरीके हैं- पहला है कि आप आयकर विभाग की वेबसाइट के डाउनलोड सेक्शन पर जाएं और आपके लिए अपेक्षित है, वह फॉर्म डाउनलोड करें. उसे अपने पीसी पर सेव कर लें और इसे सही तरीके से भर लें। generate XML पर क्लिक करें, फिर से वेबसाइट पर जाएं और upload XML पर क्लिक करें. पर ध्यान रहे इसलिए लिए पहले ऑपको लॉग इन होना होगा. अपलोड एक्सएमएल के जरिए वह फॉर्म अपलोड करें जो आपने कुछ देर पहले भरा है. सब्मिट पर क्लिक करें.
  •  एक क्विक तरीका भी है. इसके लिए इस लिंक पर क्लिक करें. e-file section पर जाइए, लॉग इन करिए, जो फॉर्म और असेसेमेंट ईयर अपेक्षित है उसे सेलेक्ट करें, और संबंधित जानकारी भर दें.

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फॉर्म में हुए हैं बदलाव, ध्यान दें
फॉर्म चुनते समय यह सावधानी बरतें कि आपको जो फॉर्म चुनना (सेलेक्ट करना) है, वह आपकी कुल आय के मुताबिक हो. इन्डिविजुअल (सैलरी), पेंशन इनकम, एक मकान (एक प्रॉपर्टी) से इनकम या अन्य आयस्रोतों से इनकम (लॉटरी के अतिरिक्त) के केस में फॉर्म ITR-1, जिसे ‘सहज’ भी कहा जाता है, सेलेक्ट करना होगा. जिनकी इनकम सालाना 50 लाख रुपये तक है, वह सहज फॉर्म उठाएं. ITR- 2 से वे सैलरी वाले अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं जिनकी सालाना आमदनी 50 लाख से ज्यादा है. पूंजीगत लाभ होने की दिशा में ITR-2 सेलेक्ट करना होगा. टैक्स विभाग ने फॉर्म्स की संख्या अबकी बार घटा दी है. ITR-2, ITR-2A और ITR-3 एक ही फॉर्म में मर्ज कर दिए हैं. ITR-4, ITR-4S को ITR-3 और ITR-4 (सुगम) का नाम दे दिया गया है. ITR फॉर्म 5 से लेकर 7 तक नॉन-इंडिविजुअल के लिए हैं.

नोटबंदी और आपका पैसा, इस पर ध्यान दें

  • कालेधन की धरपकड़ के लिए की गई नोटबंदी आपको याद होगी. आईटीआर फॉर्म में इस बार एक स्पेशल कॉलम इसे लेकर भी दिया गया है. इसमें आपको नोटबंदी के बाद (8 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच) अपने अकाउंट में जमा किए गए 2 लाख रुपये या इससे ज्यादा के रकम का विवरण देना होगा. इसके लिए आपको अपना अकाउंट नंबर, जिस बैंक में जमा करवाई है रकम उसका IFSC कोड और जितनी रकम जमा कराई है, उसका पूरा ब्यौरा देना होगा.

अब रिटर्न फाइल करते समय अपने पास ये दस्तावेज रख लें- पैन नंबर, फॉर्म 16, आपके खातों पर मिला संबंधित वित्तीय वर्ष का कुल ब्याज, टीडीएस (TDS) संबंधी डीटेल और सभी तरह के निवेशों संबंधी सबूत.  होमलोन और इंश्योरेंस संबंधी डॉक्युमेंट्स भी अपने पास रखें.  इनकम टैक्स की साइट से फॉर्म 26AS भी डाउनलोड कर सकते हैंजो आपकी टैक्स स्टेटमेंट शो करता है जो आपके द्वारा दिया जा चुका है. अपना टैक्स रिटर्न वैलिडेट करने के लिए आप इस फॉर्म का सहारा ले सकते हैं.

डिजिटल सिग्नेचर होने व न होने की दशा में…

  • यदि डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल करके रिटर्न सब्मिट किया गया है तो फॉर्म सब्मिट करते समय acknowledgement number यानी एक प्रकार की रसीद जेनरेट होगा. 
  • यदि बिना डिजिटल सिग्नेचर के सब्मिट हुआ है तो ITR-V जेनरेट होगा और यह आपके साइट पर रजिस्टर ईमेल आईडी पर पहुंच जाएगा. ITR-V एक प्रकार की रसीद ही है कि आपका रिटर्न सब्मिट हो गया. अब इस ITR-V को साइन करके बेंगलुरु कार्यालय (जहां आपका रिटर्न प्रोसेस होता है) भेज दें, 120 दिनों के भीतर यह संबंधित कार्यालय पहुंच जाना चाहिए ताकि टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया पूर्ण हो सके. यदि यह कागजात आप समय से बेंगलुरु कार्यालय नहीं पहुंचाएंगे तो रिटर्न की प्रक्रिया अधूरी ही मानी जाएगी, इसलिए इसकी अनदेखी न करें. चिंता न करें, बेंगलुरु कार्यालय का पता इसी फॉर्म के आखिर में लिखा हुआ है. उस पते पर पोस्ट कर दें.

नेट बैंकिंग के जरिए वेरिफिकेशन
टैक्सपेयर्स वेबसाइट पर ई-वेरिफाई रिटर्न ऑप्शन पर जाकर ई- वेरिफाई भी कर सकते हैं. नेट बैंकिंग के जरिए भी आप वेरिफाई कर सकते हैं. यदि इस तरीके को अपनाते हैं तो बेंगलुरु ऑफिस में ITR-V भेजे बिना भी काम चल जाएगा.

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