इलाहाबाद-बनारस और लखनऊ में बनेंगे सेटेलाइट स्टेशन, रेलवे बोर्ड ने लगाई मुहर
लखनऊ. राजधानी लखनऊ, इलाहाबाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत देश के नौ रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के दबाव को कम करने के लिए वहां सेटेलाइट स्टेशन बनाए जाएंगे। यात्रियों की बढ़ती संख्या और बड़े रेलवे स्टेशनों पर विस्तार की गुंजाइश खत्म होने के बाद यात्रियों का दर्द दूर करने के लिए रेलवे ने बड़े रेलवे स्टेशनों के आसपास के छोटे स्टेशनों को सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इन स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं के विस्तार के बाद ट्रेनों का संचलन किया जाएगा।रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने देश के नौ रेलवे स्टेशनों को चिह्नित किया है, इनमें से देश की सबसे बड़ी आबादी वाले सूबे यूपी में भी तीन रेलवे स्टेशन शामिल हैं। पूर्वी सेटेलाइट टर्मिनल के तहत रेलमंत्री ने देश के बड़े रेलवे स्टेशनों को चिह्नित किया है। इनमें यूपी की तीन बड़े रेलवे स्टेशन लखनऊ, वाराणसी व इलाहाबाद शामिल हैं। यहां पर सेटेलाइट स्टेशन बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके अलावा नई दिल्ली, गुवाहाटी, जयपुर, पुणे, भोपाल व नागपुर रेलवे स्टेशनों को सेटेलाइट टर्मिनल स्टेशनों के रूप में विकसित किया जाएगा। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे प्रोजेक्टों व रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए कुछ समय पूर्व नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (कार्य), इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन के सीईओ समेत अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में चल रही परियोजनाओं को पूरा करने के साथ ही स्टेशनों का विकास व सेटेलाइट टर्मिनल बनाने की रूपरेखा तैयार की गई। इसी दौरान बड़े रेलवे स्टेशनों पर अब विस्तार की गुंजाइश खत्म होने की बात सामने आने के बाद सेटेलाइट रेलवे स्टेशनों के जरिए यात्रियों का दर्द दूर करने पर सहमति बनी। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम आलोक सिंह ने बताया कि गोमती नगर स्टेशन को टर्मिनल स्टेशन बनाने की कवायद तो चल ही रही है। वहीं, ऐशबाग, डालीगंज और बादशाहनगर रेलवे स्टेशनों को सेटेलाइट रेलवे स्टेशनों के रूप में विकसित किया जाएगा। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम अशोक कुमार लाहोटी ने बताया कि चारबाग स्टेशन का कंजेशन कम करने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन पर यात्री सुविधाएं बढ़ाकर ट्रेनों का संचलन कराया जाएगा