इस जगह भगवान हनुमान की पूजा करने से कतराते हैं लोग, जानें इसके पीछे की बड़ी वजह
जब मेघनाद के वार से लक्ष्मण बेहोश हो गए थे तो उन्हें होश में लाने के लिए संजीवनी बूटी की जरूरत पड़ी और हनुमान बूटी लेने चमोली जिले के द्रोणगिरी पर्तत पर पहुंचे। इसी पर्वत की तलहटी में द्रोणगिरी गांव बसा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जब बूटी लेने आए तो गांव की एक वृद्घ महिला ने उन्हें पर्वत का वह हिस्सा दिखाया, जहां बूटी उगती थी और भगवान हनुमान संजीवनी के बदले पूरा पर्वत ही अपने साथ ले गए। इसी बात से नाराज होकर यहां के लोग उनकी पूजा नहीं करते। यहां तक कि इस गांव में लाल रंग का ध्वज लगाने पर भी पाबंदी है।
माना जाता है कि पर्वत ले जाने से नाराज वहां के लोगों ने उस वृद्घ महिला का भी समाज से बहिष्कार कर दिया। वैसे इस गांव में भगवान राम की पूजा बड़ी धूमधाम से होती है। यहां के लोग हर वर्ष द्रोणगिरी की पूजा करते है, लेकिन इस पूजा में महिलाओं को शामिल नहीं किया जाता है, क्योंकि एक महिला ने ही द्रोणगिरी पर्वत का वह हिस्सा दिखाया था, जहां संजीवनी बूटी उगती थी।