जीवनशैली

इसलिए अब आपको आधी करनी होगी मांस और चीनी की खपत

धरती और खुद को स्वस्थ रखने के लिए खाद्य उत्पादन और खान-पान की आदतों में बड़े पैमाने पर बदलाव करना जरूरी हो गया है. लांसेट जर्नल में 50 पेज की एक विस्तृत रिपोर्ट छपी है जिसमें लोगों को अपने खान-पान में बड़े बदलाव करने का सुझाव दिया गया है. इस स्टडी में कहा गया है कि 2050 तक दुनिया की आबादी 10 अरब तक पहुंच जाएगी, तब सबसे बड़ी समस्या केवल भूख मिटाने की नहीं बल्कि सेहतमंद भोजन की होगी.

इसलिए अब आपको आधी करनी होगी मांस और चीनी की खपतरिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में बीमारियों के जिम्मेदार कारकों में से 6 कारक आहार से संबंधित हैं. असुरक्षित यौन संबंधों और नशीले पदार्थों के सेवन के मुकाबले खराब खानपान की वजह से ज्यादा बीमारियां और मौतें हो रही हैं. 2.1 अरब लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं जबकि बीते 30 वर्षों में टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों की संख्या दोगुनी हो चुकी है.

ग्लोबल डिसीज बर्डन रिपोर्ट के मुताबिक, अनहेल्दी डाइट की वजह से करीब 11 मिलियन लोग समय से पहले मौत का शिकार हो रहे हैं. खान-पान में बदलाव करके ये मौतें रोकी जा सकती हैं. इस स्टडी में चीनी और रेड मीट की वैश्विक खपत को आधा करने और सब्जियों, फलों-नट्स की मात्रा दोगुना करने की बात कही गई है.

EAT-Lancet Commission के प्रमुख शोधकर्ता टिम लांग ने कहा, हम बहुत ही भयंकर स्थिति में हैं. वर्तमान में करीब एक अरब लोग भुखमरी का शिकार है जबकि 2 अरब लोग अस्वस्थ आहार बहुत ज्यादा खा रहे हैं. नतीजतन, लोग मोटापा, हार्ट की समस्याएं और डायबिटीज जैसी बीमारियों के ज्यादा शिकार हो रहे हैं.

स्टडी में संसाधनों के अधिकतम खपत पर भी बात की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, 40 फीसदी भूमि का प्रयोग खेती में किया जा रहा है और इसमें 70 फीसदी ताजे पानी की भी खपत हो रही है. अनाजों के उत्पादन की वजह से 30 फीसदी कार्बन उत्सर्जन भी हो रहा है.स्टडी में प्रतिदिन 2500 कैलोरी की डाइट लेने की बात कही गई है. लांग ने कहा, हम यह नहीं कह रहे हैं कि सबको एक ही मात्रा और एक ही तरह से खाना चाहिए लेकिन समृद्ध वर्ग में मीट और डेयरी की खपत घटाकर शाकाहार की खपत बढ़ानी होगी.

Related Articles

Back to top button