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ईपीएएफओ के छह करोड़ सब्सक्राइबर्स को पीएफ एकाउंट पर मिल सकता है अधिक ब्याज

पीएफ अकाउंट होल्डर्स को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज मिलेगा। माना जा रहा है कि यह ब्याज अगस्त के अंत में पीएफ अकाउंट होल्डर्स के खाते में डाल दिया जाएगा। अगर ईपीएफओ अपने कॉर्पस का कुछ हिस्सा इनविट्स में निवेश करता है तो उसे ज्यादा रिटर्न मिलेगा। अगर ऐसा होता है तो पीएफ सब्सक्राइबर्स को ज्यादा ब्याज मिल सकता है।

नई दिल्ली : ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के छह करोड़ सब्सक्राइबर्स के लिए अच्छी खबर है। अब उन्होंने पीएफ अकाउंट पर ज्यादा ब्याज मिल सकता है। एक रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि ईपीएफओ अपने सालाना जमा का एक हिस्सा इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स यानी इनविट्स में निवेश करने की योजना बना रहा है। इससे न केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश में तेजी आएगी बल्कि ईपीएफओ के लिए इनवेस्टमेंट का दायरा भी बढ़ेगा। ईपीएफओ अब तक केवल बॉन्ड्स, सरकारी सिक्योरिटीज और ईटीएफ में ही निवेश करता है।

इनविट एक ऑल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड है जो म्युचुअल फंड की तरह काम करता है। यह मार्केट रेग्युलेटर सेबी के दायरे में है। एक अधिकारी ने कहा कि एआईएफ में इनविट्स सही विकल्प है। लार्ज इन्फ्रास्ट्रक्टर सेक्टर में लॉन्ग टर्म फंड्स की मांग है। यह ईपीएफओ को परंपरागत निवेश विकल्पों से इतर निवेश का विकल्प देता है। आम बजट में सरकार ने इंस्टीट्यूशंस से और पैसा इन्फ्रास्ट्रक्चर में डालने का संकेत दिया था। माना जा रहा है कि इनविट्स के जरिए इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पेंशन फंड्स से लॉन्ग टर्म फंड जुटा सकते हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड्स, एसएमई फंड्स और सोशल वेंचर फंड्स के कैटगरी 1 सेगमेंट में कुछ विकल्प हैं और इन पर सेबी के नियम लागू होते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने ईपीएफओ को इसमें निवेश करने की अनुमति दे दी है। लेकिन इनमें इनविट्स ही सबसे तेजी से उभरता विकल्प है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि एआईएफ से हमें अपने डिपॉजिट्स के निवेश के लिए व्यापक विकल्प मिला है। लेकिन हमें केवल कैटगरी 1 और कैटगरी 2 में ही निवेश की अनुमति है। इसमें इनविट्स में ज्यादा संभावनाएं हैं। ये प्राइवेट और पीएसयू दोनों में है। अगर सेंट्रल बोर्ड केवल गवर्नमेंट सेक्टर में निवेश की अनुमति देता है तो ईपीएफओ इस विकल्प पर विचार कर सकता है। सेंट्रल पीएफ कमिश्नर सुनील बर्थवाल ने कहा कि सरकार ने हमें अपने डिपॉजिट्स का एक हिस्सा ऑल्टरनेटिव फंड्स में निवेश करने की अनुमति दे दी है। लेकिन हम किसमें निवेश करेंगे, इसका फैसला सेंट्रल बोर्ड करेगा।

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