लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के विकास के मद्देनजर नई नीतियों के निर्धारण के साथ बाहर से पूंजीनिवेष के रास्ते खोजने और खोलने पर विशेष ध्यान दिया है। स्वयं अपनी विदेश यात्राओं में उन्होने वहां उद्यमियों से बात की और उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित भी किया। इसके साथ ही उन्होने प्रवासी भारतीयों से मदद लेने के लिए विशेष कदम भी उठाए है। प्रदेश में अलग से प्रवासी भारतीयों के मामले देखने के लिए एक विभाग भी बना है। महात्मा गांधी के भारत वापसी के शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखकर इन दिनों कई कार्यक्रम आयोजित हैं। गुजरात में इस अवसर पर एक सम्मेलन होने जा रहा है जिसमे उत्तर प्रदेश का भी प्रतिनिधित्व होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले 30 नवम्बर,2014 को प्रवासी भारतीयों की सुविधाओं और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए यूपीएनआरआई नाम से एक वेबसाइट की भी शुरूआत की है। उद्योग बंधु के माध्यम से भी विभिन्न देशों में रह रहे भारतीयों के बारे में जानकारी दूतावासों के जरिए प्राप्त की जा रही है। उत्तर प्रदेश में भी प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन की योजना है।
मुख्यमंत्री के प्रयासो से रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बाहर से निवेश प्रारम्भ हो गया है। इससे प्रदेश के विकास को गति मिलेगी। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का जो सपना मुलायम सिंह यादव ने देखा था उसे पूरा करने के लिए अखिलेश यादव और समाजवादी सरकार पूरी तरह सक्रिय है। प्रवासी भारतीयों को हर तरह की सुविधा देने और उत्तर प्रदेश के साथ अपनापन के रिश्ते जोड़ने को बढ़ावा दिया जा रहा है। किन्तु खेद है कि भाजपा शासित गुजरात राज्य में उत्तर प्रदेश की प्रगति संबंधी होर्डिगों को हटाया जा रहा है। इससे लगता है कि उत्तर प्रदेश की प्रगति से गुजरात का शासन-प्रशासन भयभीत है। यह भी हो सकता है कि उत्तर प्रदेश की प्रगति के ब्यौरे से भाजपा के गुजरात माडल की पोल खुलती हो। जो हो, इससे सबसे लोकतांत्रिक मर्यादाओं और सामान्य शिष्टता को तिलांजलि दी जा रही है। भारत के किसी राज्य के प्रति किसी अन्य राज्य द्वारा ऐसा बर्ताव अनपेक्षित और पूर्णतया असंगत है तथा इससे संविधान की संघीय व्यवस्था को ठेस पहुॅचती है।