नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उच्च शिक्षा में भारत के आगे विशाल चुनौतियां हैं। राष्ट्रपति भवन में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) के निदेशकों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा ‘वैश्विक वैज्ञानिक प्रकाशनों में 2010 में भारतीय योगदान केवल 3.5 प्रतिशत था जबकि चीन का योगदान 2007 में 21 प्रतिशत था। भारतीयों ने वैश्विक पेटेंट आवेदनों की कुल संख्या के मद्देनजर केवल 0.3 प्रतिशत ही आवेदन किया।’ एनआईटी में तकनीकी शिक्षा में सुधार और शिक्षकों के विकास के जरूरी कदमों पर चर्चा के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कराया है। मनमोहन सिंह ने कहा ‘हमारे देश में जहां तक उच्च शिक्षा का संबंध है तो उसके सामने विशाल चुनौतियां हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सभी एनआईटी संस्थान राष्ट्रीय महत्व के हैं। देश की विस्तार करती अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी तकनीकी कुशल लोगों की आपूर्ति करके उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान किया।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार ने शिक्षा पर विशेष जोर दिया है।