उच्चतम न्यायालय ने बदला अपना फैसला, दहेज प्रताड़ना में तुरंत होगी पति की गिरफ्तारी
नई दिल्ली : दहेज उत्पीड़न मामले (498 A) में उच्चतम न्यायलय ने अपना ही फैसला बदल दिया है। कोर्ट ने परिवार को मिला सेफगार्ड खत्म कर दिया है, जिसके तहत दहेज प्रताड़ना केस में पीड़ित महिला के पति और उसके ससुरालियों पर केस दर्ज होने के तुरंत बाद गिरफ्तारी की जा सकेगी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम.खानविलकर और जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। बीते अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि शिकायतों के निपटारे के लिए परिवार कल्याण कमेटी की जरूरत नहीं है। उन्होंने मामले में आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाते हुए कहा कि पीड़ित की सुरक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के लिए अग्रिम जमानत का विकल्प खुला है। 2017 में इस मामले में चली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने आदेश दिया था कि दहेज उत्पीड़न की शिकायतों पर तुरंत गिरफ्तारी न हो और ऐसे मामलों को देखने के लिए हर ज़िले में फैमिली वेलफेयर कमिटी बनाया जाए। साथ ही, उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई हो। दो जजों की बेंच के आदेश को ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
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