उत्तर भारत में कहीं नहीं है शिव का यह स्वरूप,12 वर्ष बाद बना है संयोग
एजेन्सी/ दक्षिण में तो स्फटिक शिवलिंग स्थापित होते हैं ,लेकिन उत्तर भारत में अभी तक कहीं भी स्फटिक शिवलिंग के बारे में जानकारी नहीं है। स्फटिक शिवलिंग के महत्व को देखते हुए जिले के आनंदपुरी में भैरवजी मंदिर परिसर में बने शिवालय में इसकी स्थापना की जा रही है।
यह जानकारी बागीदौरा विधायक और भैरवजी मंदिर व्यवस्थापक समिति के महेंद्रजीतसिंह मालवीया ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में दी।। उन्होंने बताया कि चन्द्रमौलीश्वर भोलेनाथ का स्फटिक शिवलिंग, स्वर्ण शिखर स्थापना, महारुद्रयाग और मेले का आयोजन 18 से 22 अप्रैल तक होगा तथा इसमें राजस्थान सहित मध्यप्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र से भी लोग आएंगे। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांगे्रस प्रदेशध्यक्ष सचिन पायलट एवं प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत के आने की भी संभावना है।
12 वर्ष बाद बना संयोग
बांसवाड़ा स्फटिक के शिवलिंग को स्थापति करने की योजना कई वर्ष पहले बना ली गई थी। लेकिन संयोग न बन पाने के कारण स्थापना नहीं हो सकी। लेकिन स्थापना के लिए अब संयोग बना है।