टनकपुर, चंपावत: पर्वतीय क्षेत्र में सड़क बनाते समय बड़ी चट्टान तोड़ने के लिए किया गया बारूदी विस्फोट तबाही लेकर आया। विस्फोट होते ही भारी भूस्खलन हो गया। इसमें दो श्रमिक मलबे में जिंदा दफन हो गए। जबकि तीन श्रमिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मरने वालों में एक श्रमिक हिमाचल प्रदेश का निवासी था। ठुलीगाढ़ से जौलजीबी तक सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। ठुलीगाढ़ से रूपालीगाढ़ के बीच आरजीबी कांस्ट्रक्शन कंपनी कार्य करा रही है। इस स्थान पर पहाड़ काटे जा रहे हैं।
कंपनी कर्मचारियों ने अंग्रेजी पहाड़ी के पास बड़ी चट्टान तोड़ने के लिए बारूद लगाकर विस्फोट किए। इसकी बाद इस पहाड़ी पर अचानक भारी भूस्खलन हो गया। इससे मजदूरों में भगदड़ मच गई। इस दौरान निर्माण कार्य में लगे मजदूर पिथौरागढ़ के एंचोली निवासी भवानी दत्त भट्ट (43) पुत्र हरि दत्त भट्ट व हिमाचल प्रदेश के हारबड़ा पुष्खेड़ा, जिला ऊना निवासी राजेश (32) मलबे में दब गए। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
मलबे में दबे साथियों को निकालने के प्रयास में मोहन सिंह पुत्र धन सिंह निवासी जोगबूड़ा नेपाल, प्रताप सिंह पुत्र पूरन सिंह निवासी तातापानी नेपाल व नरेश सिंह पुत्र जगत सिंह ऊंचौलीगोट टनकपुर गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें उपचार के लिए संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। सूचना पर एसडीएम अनिल चन्याल, सीओ आरएस रौतेला व कोतवाल अरुण कुमार वर्मा पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और मौजूद कर्मचारी व कंपनी अधिकारियों से पूछताछ की। आरजीबी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अश्वनी कुमार का कहना है कि यह घटना भूस्खलन होने से हुई है। कंपनी की तरफ से मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा।
शुक्र था चल रहा था लंच टाइम
जिस स्थान पर यह हादसा हुआ उस स्थान पर 40 से 50 श्रमिक कार्य कर रहे थे। गनीमत रही कि जिस समय यह हादसा हुआ उस समय लंच टाइम चल रहा था। सभी श्रमिक खाना खाने गए थे। दो चार लोग ही उसके पास खड़े हुए थे।
श्रमिकों को नहीं दिए गए सेफ्टी उपकरण
सड़क निर्माण कार्य कर रही आरजीबी कंपनी की घटना में घोर लापरवाही सामने दिख रही है। कारण कि कंपनी ने सड़क निर्माण में काम कर रहे किसी भी श्रमिक को सेफ्टी उपकरण जैसे हेलमेट, दस्ताने आदि नहीं दिए है। श्रमिक जान जोखिम में डालकर कार्य कर रहे हैं।
तीन दिन पहले ही काम करने आया था राजेश
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के हारबड़ा पुष्खेड़ा गांव का रहने वाला मृतक राजेश तीन दिन पूर्व ही यहां काम करने आया था। इसका कंपनी अधिकारियों के पास पूरा डाटा भी नहीं था और उसे काम पर भेज दिया। जिस कारण कंपनी अधिकारी मौके पर राजेश का पूरा पता भी नहीं बता पाए।