चारधाम यात्रा रूट और पर्यटक स्थलों में ट्रैफिक जाम पर मुख्यमंत्री के कड़े तेवर के बाद अफसर हरकत में आने लगे हैं। मुख्य सचिव के बाद पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने अफसरों के साथ बैठक कर जाम को नियंत्रित करने पर मंथन किया। इस दौरान पीक सीजन और वीकेंड पर नए सिरे से ट्रैफिक प्लान पर कसरत करने के निर्देश दिए गए।
चारधाम यात्रियों और पर्यटकों की आमद बढ़ने वाले जनपदों में होमगार्ड और फोर्स दोगुनी करने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर हरिद्वार में स्नान पर्व की चुनौती को देखते हुए अभी से प्लान बनाने के निर्देश दिए गए। यहां गढ़वाल रेंज के आइजी अजय रौतेला को दो दिन ट्रैफिक व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है।
राज्य में चारधाम यात्रा रूट, प्रमुख पर्यटक स्थलों में अचानक पर्यटकों की आमद बढ़ गई। इससे सड़क, पार्किंग, होटल आदि सुविधाएं कम पड़ गई हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, लिंक मार्गों पर बोटलनेक, संकरी सड़कें, पार्किंग का अभाव, ट्रैफिक सुविधाएं न होने से पर्यटकों को घंटों जाम में फंसना पड़ रहा है। एक सप्ताह से यह स्थिति बनी हुई है।
गत दिवस मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जाम से उपजे हालातों पर चिंता जताते हुए माना कि पर्यटकों के लिए व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। ऐसे में ट्रैफिक प्लान से लेकर भावी कार्ययोजना पर काम करना होगा। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद पुलिस मुख्यालय ने आनन-फानन बैठक बुलाई।
बैठक में वर्तमान ट्रैफिक व्यवस्था की समीक्षा की गई। इस दौरान पुलिस फोर्स की कमी, पार्किंग, सड़क आदि जैसी समस्याएं सामने आईं। पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि वर्तमान में ट्रैफिक व्यवस्था कैसे सुचारु रहे, इस पर ध्यान देना होगा। साथ-साथ भविष्य के प्लान पर भी काम करना होगा। ताकि पर्यटकों को जाम और दूसरी अव्यवस्थाओं का सामना न करना पड़े।
बैठक के बाद सभी जिलों को ट्रैफिक प्लान पर ध्यान देने के निर्देश दिए गए। इसमें दूसरे विभागों से समन्वय बनाने को भी कहा गया है। बैठक में एडीजी वी विनय कुमार, आइजी संजय गुंज्याल, ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
कैंचीधाम का मेला भी चुनौती
कुमाऊं क्षेत्र का प्रसिद्ध कैंचीधाम मेला 15 जून को होना है। इसके लिए अभी से देश-दुनिया से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। कैंचीधाम के साथ पर्यटक नैनीताल, रामनगर भी पहुंचते हैं। ऐसे में यहां भी ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटना बड़ी चुनौती है। आइजी संजय गुंज्याल ने भीमताल स्थित कैंचीधाम की व्यवस्था के लिए डीआइजी कुमाऊं को समय पर व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा नैनीताल और रामनगर कॉर्बेट पार्क आने वाले पर्यटकों के लिए भी बेहतर ट्रैफिक प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं।
छह जिलों में ट्रैफिक संभालेंगे 850 पीआरडी जवान
पुलिस फोर्स की कमी के चलते ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए पीआरडी की मदद ली जा रही है। इसके लिए छह जिलों में पीआरडी जवान तैनात करने के आदेश दे दिए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा हरिद्वार को 250 पीआरडी जवान दिए गए हैं।
इसके बाद देहरादून, टिहरी, बदरीनाथ और केदारनाथ के लिए 200-200 पीआरडी जवान ट्रैफिक व्यवस्था में तैनात रहेंगे। उत्तरकाशी, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर आदि जिलों से इस बारे में प्रस्ताव मांगा गया है। ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने बताया कि सभी जिलों को बुधवार से ही पीआरडी की मदद लेने के निर्देश दिए गए हैं।
जाम से बचना है तो इन रास्तों से पहुंचे चारधाम
पुलिस ने चारधाम यात्रियों को जाम से निजात दिलाने के लिए वैकल्पिक रास्तों का सुझाव भी रखा है। चारों धाम के लिए इन रास्तों से सुगम यात्रा की जा सकती है।
-मेरठ-दिल्ली व एनसीआर से आ रहे यात्री-मुजफ्फरनगर-मीरापुर-बिजनौर से कोटद्वार-श्रीनगर मार्ग होते हुए बदरी-केदारनाथ धाम जा सकते हैं।
-मेरठ-दिल्ली व एनसीआर से आने वाले वाहन मुजफ्फरनगर-देवबंद-गागलहेड़ी- मिर्जापुर-विकासनगर-यमुना ब्रिज-डामटा होते हुए गंगोत्री और यमुनोत्री जा सकते हैं।
-मेरठ-दिल्ली व एनसीआर से मसूरी आ रहे यात्री मुजफ्फरनगर से देवबंद होते हुए मोहंड-देहरादून से मसूरी जा सकते हैं।
-चंडीगढ़-पंजाब से आने वाले यात्री पांवटा-विकासनगर-यमुना ब्रिज-डामटा होते हुए यमुनोत्री-गंगोत्री जा सकते हैं।
-चंडीगढ़-पंजाब से आने वाले यात्री पांवटा-विकासनगर-देहरादून-भानियावाला-नटराज चौक से बद्रीनाथ-केदारनाथ व हेमकुंड साहिब जा सकते हैं।
ट्रैफिक पुलिस को ठेंगा दिखा रहे सिटी बस व विक्रम चालक
बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था देहरादून शहर की पहचान बन गई है। अब तो हालात इस कदर बद से बदतर हो गए हैं कि सिटी बस व विक्रम चालकों से लेकर आम वाहन चालक भी सड़क पर कदम दर कदम यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने से नहीं चूक रहे। यह सब अफसरों की नाक के नीचे और चौक-चौराहों पर नियुक्त पुलिस कर्मियों की आंखों के सामने हो रहा है।
दून शहर में जाम का सबसे बड़ा कारण सिटी बस व विक्रम चालकों की मनमानी है। आलम यह है कि इनके चालकों ने सवारी देखी नहीं की ब्रेक लगा दिया। उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं कि पीछे आने वाला वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो सकता और सिटी बस या विक्रम में बैठी सवारियों के साथ कई और की जान खतरे में पड़ सकती है। इतना ही नहीं चौक-चौराहों पर तो सिटी बस व विक्रम चालक बेखौफ होकर सवारी उतारते और बैठाते हैं। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी वजह से सड़क पर लंबा जाम लग रहा है।
यह ट्रैफिक पुलिस के अफसर भी जानते हैं। अब जरा आपको दिला दें कि एसपी टै्रैफिक प्रकाश चंद्र आर्य ने बीती 27 मई को सिटी बस व विक्रम यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में एसपी टै्रफिक ने व्यवस्था दी कि दून शहर में सड़कों पर लगने वाले जाम से निपटने के लिए चौक-चौराहों पर यातायात को निर्बाध रखना बेहद जरूरी है।
ऐसे में सिटी बस व विक्रम चालक चौक-चौराहों के पचास मीटर के दायरे में न तो सवारी उतारेंगे और न ही बैठायेंगे। इस आदेश की धज्जियां बैठक के अगले दिन से ही उडऩे लगीं।
क्या कहते हैं एसपी ट्रैफिक
एसपी ट्रैफिक ने कहा कि चौक-चौराहों को फ्री रखने के लिए सिटी बस व विक्रम के संबंध में दिए गए आदेश के मद्देनजर बीते एक जून से एक सप्ताह का अभियान भी चलाया गया। यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले चालकों और वाहन स्वामियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई।
इसके साथ यातायात पुलिसकर्मियों को हिदायत दी गई है कि चौक-चौराहों पर यदि उनके सामने सिटी बस या विक्रम पचास मीटर के दायरे में खड़ी मिलेगी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।