रविवार को दून में 33 केंद्रों पर एसएससी की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल(सीजीएल) परीक्षा हुई। पहली पाली में 5838 अभ्यर्थी उपस्थित और 7122 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। दूसरी पाली में 5775 उपस्थित और 7185 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे।
मोहंड से लेकर डाट काली मंदिर तक लंबा जाम होने की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रह गए। कुछ अभ्यर्थियों ने एंट्री न देने पर एसजीआरआर लालपुल स्थित केंद्र पर हंगामा भी किया, लेकिन विलंब की वजह से एंट्री नहीं मिल पाई। जाम की वजह से परीक्षा दे पाने से वंचित युवाओं ने एसएससी से दोबारा परीक्षा कराने की मांग की है।
बसों की छतों पर सफर को मजबूर
दीपावली के बाद घर से लौटने और जाने वाले लोगों एवं एसएससी की परीक्षा में उमडे़ हजारों अभ्यर्थियों की वजह से रविवार को बसों और ट्रेनों में पैर रखने की भी जगह नहीं मिली। आलम यह था कि लोगों ने बसों की छतों पर यात्रा की तो ट्रेनों में लटक और फर्श पर बैठकर। बसें नहीं मिलने पर कुछ यात्रियों को डग्गामारी का सहारा लेना पड़ा।
इसके अलावा शहर में दर्जनों केंद्रों पर हजारों छात्र एसएससी की परीक्षा देने आये थे। इस वजह से सुबह से लेकर शाम तक� आईएसबीटी पर बसों में मारामारी मची रही। खाली बस को देखते ही यात्री दौड़ पड़ते। बस में सीट नहीं मिलने पर छतों पर भी चढ़ जाते।
दिल्ली और हल्द्वानी रूट पर ज्यादा भीड़ होने की वजह से परिवहन निगम ने पूरे दिन इस रूट पर 8 वाल्वो, 2 एसी और 15 साधारण बसें अतिरिक्त चलाई। इसके बावजूद यात्रियों को परेशान होना पड़ा। हालांकि यात्रियों की भीड़ उमड़ने से निगम अफसरों के चेहरे खिले रहे। जीएम दीपक जैन ने बताया कि त्यौहारी सीजन में निगम को अच्छी आय प्राप्त हो रही है। निगम के अफसर और कर्मचारियों ने मेहनत से काम किया है। बसों की कमी से यात्रियों को दिक्कत होना भी उन्होंने स्वीकार किया।
चालक परिचालकों के नखरे
आवाज लगाकर यात्रियों को बैठाने वाले चालक परिचालकों के नखरे भी भीड़ के कारण बढ़ गये। दिल्ली से पहले की सवारी से वह बात करने को तैयार नहीं थे। रुड़की और छुटमलपुर जाने वाले कुछ यात्रियों ने आईएसबीटी स्टेशन मास्टर, एआरएम से ऐसी शिकायतें भी की।
यूपी की बसों की रही चांदी
उत्तर प्रदेश की बसों ने भीड़ का भरपूर लाभ उठाया। उनकी बसें आते ही फुल हो जाती थीं। त्यौहारी सीजन खत्म होने का दबाव ट्रेनों ने भी झेला। मुरादाबाद और दिल्ली की ओर से आने और जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ रही। बिना रिजर्वेशन और टिकट वालों की चांदी रही। सर्दी के साथ ही कोहरा बढ़ने का असर ट्रेनों पर दिखाई देने लगा है। काठगोदाम लिंक एक्सप्रेस चार घंटे देरी से दून पहुंची। अन्य कई ट्रेनें भी प्रभावित रहीं।