इस दौरान रावत ने शहीद सैनिकों के परिवार से कम से कम एक बच्चे को निश्चित नौकरी देने की घोषणा की। उन्होंने एलान किया कि इसकी कार्ययोजना उपनल तैयार करेगा। सीएम ने पूर्वसैनिकों के पुनर्वास के लिए उपनल को स्किल डेवलेपमेंट कार्यक्रम चलाकर उन्हें स्किल वर्कर की श्रेणी में शामिल करने को कहा है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि साल 1971 की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना को 90 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा, जिससे एक अलग राष्ट्र का निर्माण हुआ। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में आजादी के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा गौरव का क्षण था।
पहले विक्टोरिया क्रास दरबान सिंह से लेकर अंलकृत सैनिकों की गाथा में एक हजार से ज्यादा शूरवीरों के नाम जुड़ चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर नारियों के कम से कम एक बच्चे को सरकार नौकरी देना सुनिश्चित करेगी।
सीएम ने उपनल के एमडी ब्रिगेडियर अजय नंद बहुगुणा को इसके लिए विशेष भर्ती कार्ययोजना तैयार कर 6 माह में पात्र को नौकरी देना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने उपनल को पूर्व सैनिकों को कुशल श्रेणी में अधिक वेतन के साथ रोजगार देने के लिए स्किल डेवलेपमेंट कोर्स चलाने के लिए कहा है।
इससे पूर्व सैनिकों को उपनल से मिलने वाले वेतन में वृद्धि होगी। सैनिक कल्याण मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार शहीदों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए गंभीर है। सरकार शहीदों के परिवार ने जो खोया है उसकी भरपाई तो नहीं कर सकती, लेकिन उनके परिवारों के सम्मान और कल्याण के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
इस मौके पर विधायक राजकुमार, हिमेश खर्कवाल, जीतराम आर्य, सैनिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल गंभीर सिंह नेगी (रिटायर्ड), लेफ्टिनेंट जनरल आनंद स्वरूप (रिटायर्ड), लेफ्टिनेंट जनरल ओपी कौशिक (रिटायर्ड), लेफ्टिनेंट जनरल एचबी काला, उपनल एमडी ब्रिगेडियर एएन बहुगुणा (रिटायर्ड), निदेशक सैनिक कल्याण कर्नल अमिताभ नेगी (रिटायर्ड), कर्नल राजकुमार चंद (रिटायर्ड), मेजर पदम गुरुंग (रिटायर्ड), और पूर्व सैनिक एवं उनके परिवार के सदस्य मौजूद रहे।
देशभक्ति गीतों से सोनिया ने बांधा समय
गायिका सोनिया आनंद ने देश भक्ति के गीतों से समारोह में समा बांध दिया। सोनिया ने वंदेमातरम से शुरू कर एक ऐ मेरे वतन के लोगों सहित कई गीत गए। सोनिया के अलावा गायक मनोज सिंह ने कुमाऊंनी देशभक्ति गीत गए।
सीएम आए देरी से
कार्यक्रम के लिए पूर्व सैनिक और अन्य अतिथि सुबह 11 बजे से शहीद स्थल पहुंचने लगे थे। 11.40 बजे कार्यक्रम में सीएम को पहुंचना था, लेकिन वह 12.40 पर पहुंचे।
मंच से लेफ्टिनेंट जनरल काला सहित कुछ ने सीएम के देरी से आने से नाखुश दिखे, लेकिन सीएम ने पहुंचते ही साफ किया कि उनको 12.40 का समय दिया था। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में आने में हुई देरी के लिए वह गलती मानते हैं।
अलंकृत सैनिकों और वीर नारियां सम्मानित
समारोह में अलंकृत सैनिकों और वीर नारियों को सीएम, सैनिक कल्याण मंत्री, राज्य सैनिक कल्याण परिषद अध्यक्ष सहित पूर्व लेफ्टिनेंट जनरलों ने सम्मानित किया।
आपरेशन राइनो में शहीद हुए पौड़ी के सूबेदार धर्मवीर सिंह की पत्नी अनिता और मां सरस्वति देवी को सीएम ने दस लाख का चेक दिया। समारोह में 76 शहीद सैनिकों के आश्रित और अलंकृत सैनिकों को सम्मानित किया गया।
सीएम ने दोनों दिवसों पर हुई घोषणाओं के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने देने की बात कही। साथ ही एक कमेटी भी बना दी है। जनपदों में प्रेरणा स्थल, शिक्षण संस्थान और सड़कों को शहीदों के नाम पर करने के लिए हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बना दी है।
विजय दिवस पर गांधी पार्क में आयोजित समारोह में सैनिक कल्याण मंत्री हरक सिंह ने अपने संबोधन में पूर्व सैनिकों से हुए वादे पूरे नहीं होने की बात कही। मंत्री अपनी खीज निकालते दिखे लेकिन सीएम ने मामले को बेहद शालीन तरीके से अधूरी घोषणाओं की बात स्वीकारते हुए उनपर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
सीएम ने कहा कि शहीद सैनिकों के नाम पर सड़क और शिक्षण संस्थानों के नामकरण में देरी हुई है। उन्होंने हर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए जो प्रेरणा स्थल और सड़क स्कूल के नामकरण शहीदों पर किये जाने का चिन्हीकरण की प्रक्रिया को एक वर्ष में पूरा करेगी।
सीएम ने कहा कि सैनिक कल्याण योजनाओं में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। विभाग को जारी बजट के अलावा दो करोड़ रुपये कल्याण योजनाओं के लिए देने की घोषणा सीएम ने की। उन्होंने राज्य सैनिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल गंभीर सिंह नेगी को पूर्व सैनिकों को एक वर्क फोर्स के तौर पर विकसित करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने और उनके पुनर्वास के लिए प्रस्ताव सरकार को सौंपने के लिए कहा है।
विधायक ने दिलाई अधूरे वादे की याद
समारोह अध्यक्ष स्थानीय विधायक राजकुमार ने भी मंच से सीएम को अधूरे वादे की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि गांधी पार्क को शहीद स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए सीएम ने घोषणा की थी, लेकिन आज तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। उन्होंने सीएम से निवेदन किया कि पार्क पर प्रस्तावित निर्माण और सुंदरीकरण के प्रस्ताव के अनुरूप कार्य शुरू करवा दें।