उन्नाव गैंगरेप में पुलिस पर उठे सवाल, विधायक के दबाव में पीड़िता के पिता को भेजा जेल!
उन्नाव गैंगरेप केस में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर सीबीआई का शिंकजा लगातार कसता जा रहा है. मंगलवार (24 अप्रैल) को सीबीआईपिछले 8 महीनों के दौरान रेप केस में पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री तक किए गए पत्राचार और आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की वॉइस रिकॉर्डिंग के सबूत लेने उन्नाव पहुंची. इस दौरान सीबीआई ने करीब 5-6 घंटे तक परिवार से पूछताछ की, परिवार ने सीबीआई को 222 शिकायती पत्रों की फोटोकॉपी सौंपी है. इस दौरान उसने वॉयस रिकॉर्डिंग वाले दो मोबाइल भी सील किए. सीबीआई बुधवार (25 अप्रैल) को लखनऊ में पीड़ित के चाचा और चाची की बयान दर्ज करेगी.
आज पीड़िता के चाचा-चाची से होगी पूछताछ
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने पीड़िता के चाचा से पिछले आठ महीनों के दौरान हुई फोन पर बातचीत की वॉइस रिकॉर्डिंग ले ली है. बुधावार को पीड़िता के चाचा और चाची से सीबीआई बयान लेगी. बयानों के लिए पीड़िता के चाचा चाची को सीबीआई ने दफ्तर बुलाया है.
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
उन्नाव गैंगरेप केस में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं. सूत्रों के मुताबिक, SIT रिपोर्ट में आरोपी विधायक के दबाव में पीड़ित के पिता को जेल भेजा गया. पीड़िता के पिता को जेल भेजने के लिए पुलिस ने उसके पास तमंचा बरानद दिखाया था. जानकारी के मुताबिक, आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर ने अगर ऐसा नहीं किया होता, तो पीड़िता के पिता की जान बचाई जा सकती थी.
इलाज में भी भर्ती लापरवाही
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस के साथ उन्नाव जिला अस्पताल और जेल के डॉक्टरों ने भी पीड़िता के पिता के इलाज में लगातार लापरवाही बरती. इसी वजह से उसकी हालत लगातार बिगड़ती रही. सीबीआई इन बिंदुओं पर भी सिलसिलेवार पड़ताल कर रही है.
बयानों से जुड़ रही है कड़ियां
गैंगरेप में सभी आरोपियों से पूछताछ के बाद सीबीआई और SIT उनके बयानों के आधार पर पूरे घटनाक्रम की कड़ियां जोड़ी जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, पीड़िता के पिता को आरोपी पक्ष के लोग उसके घर से खींचकर लाए थे.