लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि केन्द्र में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने के तीन महीने के अंदर ही देश के विभिन्न भागों में हुए उपचुनावो के नतीजों ने भाजपा और प्रधानमंत्री जी दोनों की कलई खोलकर रख दी है। इन नतीजों से यह महत्वपूर्ण संकेत मिला है कि जनता का एक बड़ा वर्ग केन्द्र सरकार से निराश हो चुका है और भाजपा की जमीन में दरारें पैदा हो गई है। लोगों में यह धारणा पनप रही है कि भाजपा के अच्छे दिन आनेवाले का वायदा झूठा था और लोगों को गुमराह करने के लिए किया गया था। श्री मुलायम सिंह यादव ने चुनाव के दौरान ही कहा था कि भाजपा की लहर जैसी कोई चीज नहीं हैं जनता जल्दी ही हकीकत जान जाएगी कि सांप्रदायिक तत्व कैसे जनता को भ्रमित करने का काम करते हैं। भाजपा पर सत्ता का नशा ऐसा छा गया था कि वह अपने को अपराजेय मानकर चल रही थी। लोकसभा चुनावों में मतदाताओं ने यूपीए और कांग्रेस से नाराजगी के चलते भाजपा को जिता दिया था जिसे मोदी की हवा प्रचारित कर दिया गया था। लोकप्रियता के मानदंड के हिसाब से तो अब केन्द्र की भाजपा सरकार पिछड़ रही है और धर्मनिरपेक्ष ताकतों की ताकत बढ़ रही है। सच तो यह है कि केन्द्र की भाजपा सरकार प्रारम्भ से ही दिशाहीनता की शिकार है। कृषि और गांवो के विकास तथा सीमा सुरक्षा जैसे ज्वलंत मुद्दों पर केन्द्र कोई निश्चित नीति नहीं बना सकी है। स्वयं केन्द्र सरकार में ही कई अंतर्विरोध उभरकर सामने आ रहे हैं। तीन महीनों में कोई ऐसा जनहित का काम भी नहीं हुआ है जिससे जनता में भरोसा पैदा होता।
भाजपा सरकार बनने के बाद न तो मंहगाई रूकी और नहीं भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा। विकास को नया आयाम देने और रोजगार सृजन की आशा भी निराशा में बदल गई। पाकिस्तान और चीन का खतरा टला नहीं है। केन्द्र सरकार कोई कड़ा संकेत देने में विफल रही है। वह कारपोरेट दुनिया की बंधक बनी हुई है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की उम्मीदों पर पानी फिर जाना सुनिश्चित है। इसका प्रमुख कारण यह है कि यहां मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार जनहित की तमाम योजनाओं को चला रही है। प्रदेश में तेजी से विकास कार्य चल रहे हैं और किसानों, गरीबों, अल्पसंख्यकों सहित समाज का हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है। समाजवादी सरकार में श्री अखिलेश यादव के रहते प्रदेश में भाजपा का सामाजिक सद्भाव नष्ट करने का षड़यंत्र भी सफल नहीं हो सका। विपक्षी जो दुष्प्रचार कर रहे थे उसको भी जनता जान गई है। दलित समाज का भी अब बसपा की कुनीतियों से दूर होकर समाजवादी पार्टी की ओर झुकाव स्वाभाविक है। यहां प्रदेश के 11 विधान सभा क्षेत्रों और एक लोकसभा क्षेत्र के उपचुनावो में भाजपा को हाल के उपचुनावो के नतीजे की तरह मुंह की खानी पड़ेगी और समाजवादी पार्टी की जीत ही सभी क्षेत्रों में सुनिश्चित होगी