लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय महासचिव व विधानसभा में नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने बदायूं दुष्कर्म मामले में राज्य के पुलिस महानिदेशक के बयान को जांच को गुमराह करने वाला बताते हुए उन्हें बर्खास्त कर उनके बयान को दोषियों के बचाव का हिस्सा मानकर सीबीआई से जांच कराने की मांग की। गौरतलब है कि शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भी पुलिस महानिदेशक के बयान को संज्ञान में लेकर उनकी नारको टेस्ट की मांग की थी। रविवार को बसपा विधानमंडल दल कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में मौर्य ने कहा कि पुलिस महानिदेशक ए.एल. बनर्जी ने यह कहकर लोगों को गुमराह किया कि इस मामले में एक ही किशोरी के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। उन्होंने यहां तक कह डाला कि अपराध की वजह कुछ और हो सकती है। मौर्य ने कहा कि जो लोग इस मामले में अब तक हिरासत में लिए गए हैं हो सकता है वह निर्दोष हों यह कहकर डीजीपी ने इंसानियत को शर्मशार किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी अभियुक्त एक वर्ग विशेष (यादव जाति) के हैं जिन पर मुख्यमंत्री मेहरबान रहते हैं। इसीलिए डीजीपी ने अपराधियों के बचाव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भाषा बोली है। मौर्य ने कहा कि जिस मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति हो गई हो उसमें डीजीपी द्वारा इस प्रकार के बयान से न सिर्फ जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया गया है बल्कि न्यायालय की भी अनदेखी की गई है। यह विवेचना और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय तय करेगा कि कौन दोषी है और किसका क्या अपराध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन दर्जनों से भी ज्यादा दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। शुक्रवार को इलाहाबाद में एक बसपा नेता के ऊपर दिनदहाड़े बम और गोलियां बरसाई गई हैं रविवार को नोएडा में दादरी नगर पालिका के चेयरमैन गीता पंडित के पति विजय पंडित को सरेबाजार गोलियों से भून दिया गया। प्रदेश में ‘जंगलराज’ है इसका इससे ताजातरीन उदाहरण दूसरा नहीं हो सकता। मौर्य ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह पर हमला करते हुए कहा कि इनका और मुलायम सिंह यादव का पुराना याराना है इसीलिए वह उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति चुप्पी साधे हुए हैं। यह दोनों की अंदरूनी सांठगांठ का नतीजा है।