उप्र सरकार ने अधिकारीयों व माननीयों के बेलगाम खर्चों पर लगाई रोक
लखनऊ: कई अहम् फैसले लिए है। कई फालतू खर्चो पर रोक लगा दी है। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने अनुपयोगी पदों को समाप्त करने, चिकित्सा व पुलिस विभाग को छोड़कर अन्य विभागों में नए पद स्वीकृत न करने, चतुर्थ श्रेणी के रिक्त हो रहे कर्मचारियों के स्थान पर नियमित नियुक्ति न करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
उन्होंने पांच सितारा होटल में राजकीय भोज आयोजित न करने, सम्मेलन, सेमिनार व कार्यशालाएं होटलों की जगह सरकारी भवनों में करने, सरकारी काम के लिए हवाई यात्रा इकानामी क्लास में ही करने को कहा है। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने इस संबंध में एक विस्तृत शासनादेश जारी किया। मुख्य सचिव ने कहा है कि फालतू खर्चो पर रोक लगायी जाएगी। इसके लिए शासन ने कई अहम् फैसले लिये है। पांडेय ने कहा है बदले परिवेश में अनुपयोगी पदों को चिह्नित कर समाप्त किया जाएं और ऐसे पदों पर कार्यरत कर्मियों को अन्य पदों या अन्य विभागों में समायोजित करने की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जाए। अनूप चंद्र ने कहा है कि सेवा नियमों के विपरीत नियत वेतन, दैनिक वेतन, संविदा के आधार पर कर्मचारी नियुक्त करने पर प्रतिबंध पहले की तरह बना रहेगा। अपरिहार्यता की स्थिति में कार्यों को वाह्य एजेंसी, सेवा प्रदाता व कांट्रैक्ट से कराया जाए।
अनूप चंद्र का यह आदेश सरकारी विभागों व कार्यालयों के साथ-साथ समस्त सार्वजनिक उपक्रमों, स्थानीय निकायों, स्वायत्तशासी संस्थाओं व प्राधिकरणों पर समान रूप से लागू होगा। मुख्य सचिव ने समस्त अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों व कार्यालयाध्यक्षों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा है। चतुर्थ श्रेणी के पदों के साथ-साथ कुछ विशिष्ट व तकनीकी कार्य के लिए सृजित वाहन चालक, माली, वायरमैन, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मिस्त्री, लिफ्टमैन, एसी मैकेनिक व अन्य इसी प्रकार के रिक्त होने वाले पदों पर नियमित नियुक्ति न की जाए। ये सेवाएं आउटसोर्सिंग के जरिए कराई जाएं। आउटसोर्सिंग से भर्ती शासन द्वारा संवर्ग विशेष में स्वीकृत पदों के सापेक्ष ही वित्त विभाग की सहमति से कराई जाए। सरकार ने नव वर्ष व अन्य अवसरों पर सरकारी खर्च पर बधाई संदेशों को भेजने, कैलेंडर, डायरी तथा पर्सनल लेटर आदि की छपाई व वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह निर्देश स्वायत्तशासी संस्थाओं व प्राधिकरणों पर भी समान रूप से लागू होंगे। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित कुछ योजनाओं के संचालन के लिए कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को राज्य सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए स्वीकृत दरों के अनुरूप ही टीए, डीए, एचआरए, सीसीए, एलटीसी, चिकित्सा प्रतिपूर्ति आदि का भुगतान स्वीकृत होगा। यदि किसी संस्था में इससे इतर भत्ते दिए जा रहे हैं, तो उन्हें तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है। यदि इसमें कोई वैधानिक कठिनाई है तो इसके लिए व्यवस्था में संशोधन की कार्यवाही कराने को कहा गया है। कई विभाग वित्त वर्ष के आखिरी महीनों, फरवरी व मार्च में बड़ी रकम खर्च करने के लिए जाने जाते हैं। योगी सरकार ने समय से वित्तीय स्वीकृतियों व खर्चों पर दबाव बनाया है। लेकिन इस आदेश से मार्च लूट पर प्रभावी अंकुश की संभावना है। मुख्य सचिव ने कहा है कि वित्तीय वर्ष के फरवरी और मार्च में तत्काल आवश्यकता के अलावा उपकरण, मशीन व स्टेशनरी की खरीद नहीं की जाएगी।
प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा पर किए जा रहे भारी खर्च को देखते हुए प्राथमिक शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने तथा निजी विद्यालयों से प्रतिस्पर्धा योग्य बनाने के लिए शिक्षक-छात्र अनुपात का कड़ाई से पालन किया जाए। सरप्लस शिक्षकों का यथासंभव समायोजन आवश्यकता अनुसार अलग कर दिया जाए। विभिन्न विभागों में सलाहकार, अध्यक्ष व सदस्य आदि अस्थयी प्रकृति के पदों की नियुक्तियां की जाती हैं। इन पदों के लिए सहयोगी स्टाफ की व्यवस्था के लिए कोई पद न सृजित किया जाए। सहयोगी स्टाफ की व्यवस्था सरप्लस स्टाफ या आउटसोर्सिंग से की जाए। राज्य की योजनाओं की समीक्षा एक नियमित अंतराल पर की जाए तथा अनुपयोगी पाई जाने वाली योजनाएं समाप्त करने पर विचार हो। यात्रा व्यय (विदेश यात्रा सहित), छपाई व प्रकाशन खर्च, व्यावसायिक सेवाएं व विशेष सेवाओं पर खर्च, विज्ञापन व प्रसार तथा कार्यलय, लेखन सामग्री, फर्नीचर, उपकरण, साज-सज्जा, आतिथ्य, पीओएल व अन्य प्रशासनिक खर्च में वित्तीय नियमों का कड़ाई से पालन कर खर्चे कम करने को कहा। सरकारी काम के लिए की जाने वाली यात्राओं को आवश्यक व अपरिहार्य कार्यों तक न्यूनतम रखा जाए। अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर सरकारी कार्य के लिए हवाई यात्रा इकानमी क्लास में ही की जाए। विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, प्राधिकरणों व अन्य राज्याधीन स्वायत्तशासी संस्थाओं द्वारा नए गेस्ट हाउस न खोले जाएं। नए मंडल व जिलों को छोड़कर मुख्यालयों पर नए कार्यालय व आवासीय भवन न बनाए जाएं। केवल इस वजह से नए फर्नीचर व साज-सज्जा की व्यवस्था न की जाए कि पदधारक बदल गया है। सुरक्षा संबंधी आवश्यकताओं को छोड़कर नए वाहन खरीद करने पर रोक लगा दी गई है। जो वाहन निष्प्रयोज्य हो रहे हैं, उनके स्थान पर नए वाहन की खरीद न की जाए। यह कार्य आउटसोर्सिंग से कराया जाए। यदि सरकारी काम के लिए अनुबंध पर टैक्सी वाहन लिया जाना है तो विभाग अपने प्रशासकीय विभाग के जरिए वित्त विभाग की सहमति लेकर ही लेंगे। पंजीकृत वाहन ही टैक्सी वाहन पर लिए जा सकेंगे। किसी भी परिस्थिति में निजी वाहनों को अनुबंध पर नहीं लिया जा सकेगा। राजकीय भोज पांच सितारा होटल में न किया जाए। किसी विशेष परिस्थिति में मुख्य सचिव के पूर्व अनुमोदन से ही अपवाद स्वरूप किया जा सकेगा। ई-मेल, वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा का प्रभावी तरीके से प्रयोग कर सूचना का आदान-प्रदान किया जाए ताकि स्टेशनरी का कम प्रयोग हो और बैठकों में भाग लेने के उद्देश्य से यात्रा खर्च को भी कम किया जा सके।
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