फिल्म उड़ता पंजाब को बॉम्बे हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने अभी ज़्यादा वक्त नहीं गुज़रा कि अब ये मामला देश के शीर्ष अदालत की चौखट में पहुंच गया है। एक गैर-सरकारी संगठन ने मादक पदार्थों की समस्या पर आधारित इस के संबंध में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
पंजाब के एनजीओ ह्यूमैन राइट्स अवेयरनेस एसोसिएशन के वकील ने जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस एल नागेश्वर राव की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया है। याचिका में दलील दी गई है कि बॉम्बे हाईकोर्ट केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। याचिकाकर्ता ने अभिषेक चौबे की इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है।
गौरतलब है कि मादक पदार्थों की समस्या पर आधारित यह फिल्म दो दिन बाद ही यानी 17 जून को रिलीज होने वाली है। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द की जाये, लेकिन अदालत ने कहा कि पहले याचिका सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में दर्ज हो जाए उसके बाद ही इसपर सुनवाई होगी।
फिल्म में पंजाब में फैले ड्रग्स के मुद्दे को उठाया गया है। फिल्म के कई दृश्यों को लेकर सीबीएफसी ने आपत्ति जताई थी और फिल्म को 13 कट के साथ ‘ए’ सार्टिफिकेट देकर पास किया था, लेकिन फिल्म निर्माताओं को बोर्ड का फैसला रास नहीं आया और उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
हाईकोर्ट ने बोर्ड के फैसले को रद्द करते हुए मात्र एक कट के साथ फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दी थी, साथ ही बोर्ड को प्रमाण-पत्र जारी करने को आदेश भी दिया था।