प्रकृति प्रेमियों के लिए ऊटी फर्स्ट च्वॉयस हो सकती है। ऊटी झील को देखना अपने आप में एक अनोखा और सुखद अनुभव है। झील के चारों ओर फूलों की क्यारियों में तरह-तरह के रंगबिरंगे फूल यहां की ख़ूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। झील में मोटर बोट, पैडल बोट और रो बोट्स में बोटिंग का लुत्फ भी उठाया जा सकता है। ढाई किमी लंबी इस झील का निर्माण सन् 1825 में हुआ था। इस झील को देखने के लिए सालाना लाखों पर्यटक यहां पहुंचते हैं। बॉटनिकल गार्डन :
ऊटी में घूमने फिरने के लिहाज से बॉटनिकल गार्डन भी काफी फेमस है। 22 एकड़ में फैले इस गार्डन में लगभग 650 दुर्लभ किस्म के पेड़-पौधों हैं। इसके अलावा रंगबिरंगे लिली के फूल, खूबसूरत झाड़ियां व 2000 हजार साल पुराने पेड़ के अवशेष देखने को मिलते हैं। मई के महीने में यहां एक आयोजन होता है। इस महोत्सव में फूलों की प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें स्थानीय प्रसिद्ध कलाकार भाग लेते हैं।
कालहट्टी फॉल्स :कालहट्टी जलप्रपात ऊटी का एक खूबसूरत दर्शनीय स्थल है। यह जलप्रपात लगभग 100 फुट ऊंचा है। यह इतना सुंदर है जिसे देखते ही आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। यहां अनेक प्रकार के पर्वतीय पक्षी भी देखे जा सकते हैं। कालपट्टी के किनारे स्थित यह झरना 100 फीट ऊंचा है। झरने के अलावा कलहट्टी-मसिनागुडी की ढलानों पर जानवरों की अनेक प्रजातियां भी देखी जा सकती हैं, जिसमें चीते, सांभर और जंगली भैसा शामिल है। यह वॉटरफॉल्स ऊटी से केवल 13 किमी. की दूरी पर है।
डोडाबेट्टा चोटी :ऊटी से लगभग 8 किलोमीटर दूर डोडाबेट्टा चोटी भी पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है। यहां से पूरे इलाक़े का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है। यह चोटी समुद्र तल से 2623 मीटर ऊपर है। यह ज़िले की सबसे ऊंची चोटी मानी जाती है। जब मौसम साफ़ होता है तब यहां से दूर के इलाक़े भी दिखाई देते हैं जिनमें कायंबटूर के मैदानी इलाक़े भी शामिल हैं।
कोटागिरी हिल :कोटागिरी हिल ऊटी से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कोटागिरी हिल प्राकृतिक सुंदरता के लिए दर्शनीय स्थल है। यहां के चाय बाग़ानों को देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। कोटागिरी का मौसम काफी सुहावना रहता है। यहां बहुत ही सुंदर हिल रिजॉर्ट हैं, जहां चाय के खूबसूरत बागान हैं।