उत्तराखंडराज्य

ऋषिमुनियों की देन है आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति: डॉ. निशंक

हरिद्वार(ईएमएस)। ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के पुरातन स्नातकों एवं परास्नातको के संगठन ऋषिकुल स्नातक परिषद ने अपना वार्षिक मिलन ऋषिकुल प्रांगण में स्थित मालवीय सभागार में पुराने मित्रों सहपाठियों के साथ मिलकर मनाया। इस अवसर पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने समारोह का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ करते हुए कहा कि आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जो ऋषिमुनियों की देन है उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का आधार प्रकृति के 5 तत्व है जिन्हें मानव शरीर में संतुलित रखते हुए आयुर्वेद पूरे विश्व को दुष्प्रभाव रहित चिकित्सा पद्धति प्रदान करता चला आ रहा है।

वार्षिक मिलन समारोह में आये पूर्व स्नातको अतिथियों का स्वागत करते हुए ऋषिकुल स्नातक परिषद के अध्यक्ष डॉ. रमाकांत शर्मा ने कहा कि विगत 21 वर्षों से स्नातक परिषद पुरातन एवं नवीन स्नातको को मिलाने के लिए वार्षिक आयोजन करता चली आ रही है। जिसका उद्देश्य नई पीढ़ी को ज्येष्ठ पीढ़ी के अनुभवों से अवगत कराना है।

वार्षिक मिलन समारोह के अन्तर्गत डॉ. परमेश्वर अरोड़ा ने भोजन में जल की कितनी मात्रा ली जाये तथा शरीर को स्थूल भोजन के साथ कितना तरल भोजन लेना चाहिए इस पर अपना शोध व्याख्यान प्रस्तुत किया। संस्था के संरक्षक डॉ. वीके शर्मा मायाराम उनियाल, उपाध्यक्ष सीडी काला, सचिव डॉ. देवेन्द्र चमोली कोषाध्यक्ष डॉ. रमेश गोयल, डॉ. अशोक पालीवाल, डॉ. उदय नारायण पांडे ने मुख्य अतिथि डॉ. निशंक का शाल उढ़ाकर सम्मान किया। डॉ. नरेश चौधरी, डॉ. मधु शर्मा, डॉ. जयदीप विष्ट, डॉ. उमेश सचान, डॉ. सुमेर सिंह ने अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किये।

Related Articles

Back to top button