एक ऐसा शापित गाँव, जहाँ रहते हैं एक ही सरनेम के लोग, कोई और आ जाए तो…
अहमदाबाद: गुजरात के मोरबी जिले के अंतर्गत आने वाला एक गांव कथित तौर पर शापित है। यहां रहने वाले लगभग हर व्यक्ति का सरनेम एक है। तक़रीबन 700 लोगों के इस गांव में हर कोई ‘चरवड़िया’ है। कहा जाता है कि जिसे भी इस गांव में रहना है, उसे चरवड़िया सरनेम रखना अनिवार्य है। बताया जाता है कि वर्षों पहले कुछ दूसरे सरनेम के लोगों ने यहां रहने का प्रयास किया, किन्तु बाद में उन्होंने बीमारियों से तंग आकर गांव छोड़ दिया।
मोरबी जिले के वांकानेर कस्बे से 13 किलोमीटर की दूरी पर चरवड़िया लोगों का बोकाड़थंभा नाम का ग्राम है। इस गांव में पिछले सौ वर्षों से एक ही सरनेम के लोग रहते आए हैं। चरवड़िया उपनाम न रखने वाले लोगों का प्रवेश इस गांव में वर्जित है। ग्रामीण इसके पीछे एक शाप को वजह बताते हैं। ऐसा बताया जाता है कि चरवड़िया सरनेम के बिना इस गांव में रहने वाले लोगों पर उस शाप का नकारात्मक असर पड़ने लगता है। गांव के एक बुजुर्ग घनश्याम महाराज बताते हैं कि ऐसी मान्यता है कि यह गांव शापित है और चरवड़िया उपनाम के बिना यहां कोई नहीं रह सकता।
उन्होंने कहा कि कई वर्षों पूर्व कुछ परिवारों ने यहां रहने की कोशिश की, किन्तु बाद में वे गांव छोड़कर चले गए। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में लोग बारी-बारी बीमार पड़ने लगे थे, इसलिए उन्होंने गांव छोड़ देना ही उचित समझा। गांव के 85 वर्षीय मंगबापा चरवड़िया गांव के बसने की कहानी बताते हुए कहते हैं कि हजारों वर्ष पहले वांकानेर के शासकों ने चार भाइयों को इस गांव में बसाया था। यह पूरा गांव उन्हीं चार भाइयों का वंशज है।