एक हफ्ते में दूसरा मामला, बालिका गृह में फिर एक संवासिनी गर्भवती
पहले लड़की के गर्भवती होने के प्रकरण की जांच चल रही है कि इस नए मामले ने बालिका गृह के संचालन में बरती जा रही लापरवाहियों की आशंका को और पुख्ता कर दिया है।
गर्भवती पाई गई लड़की के बारे में बताया जा रहा है कि उसने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की थी। परिवार ने उसे नाबालिग बताया था।
परिवारीजनों की शिकायत पर पुलिस ने युवक पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लड़की को राजकीय आश्रय गृह भेज दिया था।
दरअसल मोतीनगर राजकीय बालिका गृह में केवल अनाथ और नाबालिग बच्चों को रखा जाता है। इस लड़की के अभिभावक भी हैं और पति भी।
ऐसे में उसे मोतीनगर क्यों भेजा गया, यह अहम सवाल है। इस बारे में बालिका गृह की अधीक्षिका मंजू वर्मा से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की।
इन आशंकाओं को दूर करना जरूरी
महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सामने यह मुश्किल स्थिति है, जहां उसे स्पष्ट करना चाहिए कि एक सप्ताह के भीतर उसके बालिका गृह की दो लड़कियां कैसे गर्भवती हो गईं। नए मामले में यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह लड़की बालिका गृह आने के पहले से गर्भवती थी या यहां आने के बाद हुई है।
बालिका गृह की 18 वर्ष से अधिक उम्र की सभी लड़कियों का मेडिकल करवाया जाएगा ताकि सच्चाई सामने आ सके। यहां फिलहाल ऐसी 13 संवासिनियां हैं। सीसीटीवी की फुटेज भी देखी जाएंगी।
महिला एवं बाल कल्याण विभाग अब तक पिछली लड़की के बारे में अपनी रिपोर्ट नहीं दे सका है तो दूसरी ओर नए मामले में भी कोई जानकारी नहीं दी गई।
बाल कल्याण समिति लखनऊ के सदस्य अंशुमालि शर्मा ने बताया कि नए मामले की वे विस्तृत जांच करवाएंगे। अगर लड़की शादीशुदा है तो वह यहां कब लाई गई और उससे कौन मिल रहा है, यह पता किया जाएगा।