एचआईवी का भी इलाज करेगा जीवाणु
लंदन : वैज्ञानिकों ने चिली के अताकामा मरुस्थल में जीवाणुओं के एक गुप्त कोष का पता लगाया है जो के इलाज में सक्षम साबित हो सकते हैं। यह मरुस्थल धरती के सबसे ऊंचे और सबसे शुष्क स्थानों में से एक है। अनुसंधानकर्ताओं ने समुद्र तल से 3,000 से 5,000 मीटर ऊपर से लिए गए मिट्टी के नमूनों का अध्ययन कर उत्साहित करने वाले इन परिणामों को सामने रखा है। ब्रिटेन की न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के माइकल गुडफेलो ने बताया कि अध्ययन में एक्टिनोबैक्टीरिया पर ध्यान केंद्रित किया गया जो हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की मूल तत्व प्रजाति है और उन्हें बायोऐक्टिव पदार्थों का बेजोड़ स्रोत माना जाता है। गुडफेलो ने बताया, ‘जीवाणुओं का यह कोष जैव प्रोद्यौगिकी संबंधी कार्यक्रमों के लिए अत्याधिक नए स्रोतों की संभावना को दर्शाता है, खासकर ऐसे समय में जब मौजूदा ऐंटिबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोध पैदा होना वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है।’ गुडफेलो ने कहा कि नए तरह के उपचार विकसित करने के साथ ही इस जीवाणु की एक नस्ल उस एंजाइम को बाधित करती है जो एचआईवी विषाणु के प्रजनन में मदद करता है।