नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का रूख किस तरफ जा रहा है इसका परीक्षण शुरू हो गया है। एबीपी-नीलसन सर्वे के मुताबिक इस चुनाव में जेडीयू-आरजेडी गठबंधन और एनडीए के बीच कड़ी टक्कर रहेगी। लेकिन महागठबंधन को 129 सीटें मिलेंगी, जबकि भाजपा और उसके सहयोगियों को 112 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा। सर्वे में यह भी उभरकर सामने आया कि मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। उन्हें 52 फीसदी लोगों ने इस पद के लिए अपनी पहली पसंद माना है। जबकि भाजपा के सुशील मोदी 42 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर हैं। सर्वे में यह भी खुलासा हुआ कि बिहार में नीतीश, पीएम नरेंद्र मोदी से भी ज्यादा लोकप्रिय नेता हैं। 52 लोगों ने फीसदी ने नीतीश तो 45 फीसदी ने पीएम मोदी को अपना नेता चुना। क्या जीतनराम मांझी और पप्पू यादव के चलते भाजपा को फायदा होगा? इस सवाल के जवाब में 61 फीसदी लोगों ने कहा कि मांझी और पप्पू के अपनी पार्टियों से अलग होने के कारण भाजपा फायदे में रहेगी, जबकि 35 फीसदी ने माना कि इससे जेडीयू को फायदा होगा। सर्वे में 48 फीसदी लोगों ने माना कि सुशील मोदी नीतीश को टक्कर दे सकते हैं। वहीं 10 फीसदी ने शाहनवाज हुसैन, 6-6 फीसदी लोगों ने रामविलास पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा को इसके काबिल माना सर्वे के मुताबिक बेगूसराय, जमुई, मुंगेर, पटना, गया, नवादा में भाजपा आगे रहेगी और उसे 37 सीटें मिल सकती है, जबकि जेडीयू को 25 सीट मिलती दिखाई दे रही है। बेतिया, वैशाली, मुजफ्फरपुर, सिवान, सारण और हाजीपुर में भाजपा-जेडीयू के बीच कांटे की टक्कर रहेगी। 42 सीटों वाले मिथिला क्षेत्र में जेडीयू बाजी मारेगा और उसे 27 सीटें मिल सकती है। पूर्वी बिहार में भी जेडीयू गठबंधन के भाजपा पर भारी पड़ने का अनुमान है। गौरतलब है कि 2010 विधानसभा चुनावों में भाजपा को 91, जेडीयू को 115, कांग्रेस को 4, राजद को 22 और अन्य को 11 सीटें मिली थी।