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एम्स के डॉक्टर गुप्ता की अर्जी पर कैट में सुनवाई

aims doctorनई दिल्ली । पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फेरबदल का दबाव डाले जाने का आरोप लगाकर सनसनी पैदा करने वाले फोरेंसिक विशेषज्ञ सुधीर गुप्ता पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने शुक्रवार को बेबुनियाद आरोप लगाकर संस्थान को बदनाम करने का आरोप लगाया। एम्स ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के सामने अपनी दलील पेश की। एम्स के फोरेंसिक विभाग के अध्यक्ष गुप्ता की ओर से दायर सेवा से संबंधित मामले की सुनवाई कैट में चल रही है। गुप्ता ने नई दिल्ली स्थित कैट की प्रधान पीठ में मामला दायर किया गया है। उन्होंने फोरेंसिक मेडिसीन विभाग के एक अन्य फैकल्टी सदस्य को प्रोन्नत किए जाने को चुनौती दी है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए ए. के. भारद्वाज की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और एम्स को मामले में जवाब दायर करने का निर्देश दिया। पीठ ने 12 मई को हुई एम्स जेनरल बॉडी की बैठक की कार्यवाही पुस्तिका की भी मांग की है। इसी बैठक में डॉक्टर ओ.पी. मूर्ति को एम्स के फोरेंसिक विभाग के अध्यक्ष के रूप में प्रोन्नत किए जाने का फैसला लिया गया था। न्यायाधिकरण ने दोनों डॉक्टरों को भी कहा कि वे ‘छोटे से मुद्दे को बतंगड़’ बना रहे हैं। न्यायाधिकरण ने कहा ‘‘मुझे हैरत है कि डॉक्टर भी क्लर्कों का काम करने में इतनी रुचि रखते हैं।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से पेश वकील नौशाद अहमद खान ने कहा कि मंत्रालय ने मामले से संबंधित रिकार्ड एम्स से तलब किया है और जवाब दाखिल करने के लिए उसे दो सप्ताह का समय चाहिए। न्यायाधिकरण ने अगली सुनवाई के लिए 3० जुलाई की तारीख तय की है।

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