लखनऊ। मंगलवार को विजयादशमी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ की ऐतिहासिक एशबाग की रामलीला में शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने दशहरा कार्यक्रम में अपने 25 मिनट के भाषण में मन के रावण को दूर करने से आतंक के रावण को हराने की बात की। पीएम के भाषण की वो 10 बड़ी बातें क्या थी, जो हम सभी को जान लेनी चाहिए, आइए जानते हैं-
-मोदी ने अपने भाषण का समापन भी ‘जय श्रीराम’ और ‘जय जय श्रीराम’ के उद्घोष के साथ किया। मैदान में मौजूद जनता ने उनका साथ दिया और पूरे वातावरण में जय श्रीराम का उद्घोष गूंज उठा।
प्रधानमंत्री मोदी ने दशहरा कार्यक्रम में अपने 25 मिनट के भाषण में मन के रावण को दूर करने से आतंक के रावण को हराने की बात की…
-मोदी ने गंदगी और अशिक्षा से मुक्ति के लिए भी संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘हमारे भीतर ऐसी चीजें जो रावण के रूप बिखरी पड़ी हैं, उससे इस देश को मुक्ति दिलानी है।’
-पीएम ने कहा कि चाहे जातिवाद हो या वंशवाद, ऊंच नीच की बुराई हो, संप्रदायवाद का जुनून हो, ये सारी बुराइयां किसी ना किसी रूप में रावण हैं, इसलिए इनसे मुक्ति पाना हमारा संकल्प होना चाहिए।
-उन्होंने कहा, ‘श्रीकृष्ण के जीवन में भी युद्ध था। राम के जीवन में भी युद्ध था। लेकिन हम वो लोग हैं, जो युद्ध से बुद्ध की ओर चले जाते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘समय के बंधनों से, परिस्थिति की आवश्यकताओं से युद्ध कभी कभी अनिवार्य हो जाते हैं लेकिन ये धरती का मार्ग युद्ध का नहीं बल्कि बुद्ध का है। हम हमारे भीतर के रावण को खत्म करने वाले और अपने देश को सुजलाम सुफलाम बनाने के लिए संकल्प करने वाले लोग हैं।’
-मोदी ने कहा, ‘अगर सवा सौ करोड़ देशवासी एक बनकर आतंकवादियों की हर हरकत पर ध्यान रखें और चौकन्ने रहें तो आतंकवादियों का सफल होना बहुत मुश्किल होगा।’
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन करार देते हुए कहा कि आतंकवाद को आज जड़ से खत्म करने की जरूरत है और जो आतंकवाद को पनाह देते हैं, उन्हें भी नहीं बख्शा जा सकता।
-आतंकवाद को खत्म किये बिना मानवता की रक्षा संभव नहीं। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है।
-मोदी ने कहा कि आज से तीस-चालीस साल पहले जब हिंदुस्तान दुनिया के सामने आतंकवाद के कारण होने वाली परेशानियों की चर्चा करता था तब वह विश्व के गले नहीं उतरता था। वर्ष 1992-93 की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह उस समय अमेरिका के ट्रेड डिपार्टमेंट के स्टेट सेक्रेटरी से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, जब मैं आतंकवाद की बात करता तो वे (स्टेट सेक्रेटरी): बोलते थे कि ये आपकी कानून व्यवस्था की समस्या है, जब 26-11 हमले के बाद सारी दुनिया के गले उतर गया कि आतंकवाद कितना भयंकर है।