अजब-गजब

ऐस्टरॉइड ने खत्म कर दी थी डायनासोर की दुनिया

वॉशिंगटन: करीब 10 किलोमीटर व्यास का एक ऐस्‍टरॉइड पृथ्वी पर आया और डायनासोर का अस्तित्व इस धरती से खत्म हो गया। यह डायनासोर उत्तरी अमेरिका के दक्षिणी हिस्से से टकराया था, जो अब मेक्सिको के पास है। पृथ्वी की सतह पर बड़ा गढ्ढा करने वाले इस ऐस्टरॉइड को ‎चिक्सूलूब क्रेटर के नाम से भी जाना जाता है। इस क्रेटर के पृथ्वी पर गिरने से हजारों परमाणु बमों के धमाके जितनी ऊर्जा पैदा हुई थी।

यह ऐस्टरॉइड एक प्रलय का कारण बना और इसने चट्टानों को आसमान में फेंक दिया। ये चट्टानें आग की बारिश के रूप में धरती पर वापस लौटे और साथ लाए आग का तूफान और सुनामी। इस घटना ने डायनासोर सहित हमारी पृथ्वी के करीब तीन-चौथाई पेड़-पौधों और पशुओं का खत्म कर दिया था। अब अमेरिका के टेक्सास में साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने पता लगा लिया है कि यह ऐस्‍टरॉइड कहां से आया था।पृथ्वी से टकराने वाले ऐस्‍टरॉइड के स्रोत का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने देखा कि इसके जैसे ऐस्‍टरॉइड कहां पाए जाते हैं।

रिसर्च में एक कम्प्यूटर मॉडल के माध्यम से वैज्ञानिकों ने देखा कि ऐस्‍टरॉइड मुख्य ऐस्‍टरॉइड बेल्ट से कैसे बाहर आ जाते हैं। वैज्ञानिकों ने बेल्ट के बाहरी क्षेत्र में ऐस्‍टरॉइड के विकास के लिए मॉडल चलाए तो उन्होंने देखा कि करीब 9.6 किलोमीटर के ऐस्‍टरॉइड कई बार पृथ्वी से टकराए। इनका आकार पृथ्वी से टकराने वाले ऐस्‍टरॉइड के समान ही था। रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि बाहरी बेल्ट में बड़ी संख्या में ऐस्‍टरॉइड पृथ्वी से टकराने वाले ऐस्‍टरॉइड के समान ही हैं। रिसर्चर्स की टीम के अनुसार ऐस्‍टरॉइड मुख्य ऐस्‍टरॉइड बेल्ट के बाहरी क्षेत्र से आया था। ऐस्‍टरॉइड बेल्ट हमारे सौर मंडल में एक बेल्ट जैसा क्षेत्र है जिसमें ऐस्‍टरॉइड्स सूर्य के चारों और चक्कर लगाते हैं। मुख्य ऐस्‍टरॉइड बेल्ट मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच स्थित है।

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