जीवनशैली
ऑफिस में होने लगे प्यार तो जाएँ सावधान, वरना जा सकती है नौकरी
![](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2019/02/images94.jpg)
कॉलेज लाइफ के बाद वर्किंग प्लेस ही ऐसी जगह है जहां प्यार के बाद रिश्ते ज्यादा बनते हैं। कार्यस्थल पर इस तरह के संबंध युवाओं के कॅरिअरग्राफ के साथ ऑफिस के माहौल को भी प्रभावित करते हैं। कई बार ऐसे रिश्ते गंभीर, सामाजिक सवाल खड़े कर देते हैं। कुछ ऑफिसों में तो नो ऑफिस रोमांस और डेटिंग पॉलिसी लागू की गई है। यदि ऐसा होता है तो दो में से किसी एक पार्टनर को जॉब छोड़नी होती है। ऐसे में कहीं आप भी ऑफिस रोमांस के चक्कर में न आएं इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आपके ऑफिस में आपको किसी से प्यार हो गया हो तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
![](http://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2019/02/images94.jpg)
सतर्कता और पारदर्शिता
कई कंपनियों के अनुसार सहकर्मियों के आपसी संबंधों का कर्मचारियों की कार्यकुशलता और काम के वातावरण पर नकारात्मक असर नहीं होना चाहिए। हां, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस तरह के संबंधों में सतर्कता और पारदर्शिता होना बेहद जरूरी है।
कई कंपनियों के अनुसार सहकर्मियों के आपसी संबंधों का कर्मचारियों की कार्यकुशलता और काम के वातावरण पर नकारात्मक असर नहीं होना चाहिए। हां, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस तरह के संबंधों में सतर्कता और पारदर्शिता होना बेहद जरूरी है।
खुलकर बात करें
यह जानना जरूरी है ताकि आगे चलकर मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न न हो। विदेशों में कई कंपनियों में लव कॉन्ट्रैक्ट जैसी पॉलिसी अपनाई जाती है, जिससे कंपनी अपने हितों और विवादित मसलों पर सतर्कता बरतती है। वैसे दोनों को खुलकर पर्सनल-बिजनेस रिश्ते पर बात करनी चाहिए। इसके अलावा ऑफिस में सहकर्मी के साथ डेटिंग में संलग्न होने से पहले कंपनी की पॉलिसी के बारे में जानकारी जरूर हासिल कर लें। यदि ऑफिस में कोई सहकर्मी आपके पहले प्रपोजल को मना कर देता है, तो उसे आप ना ही समझें। दोबारा इस संबंध में बात न करें तो बेहतर होगा। क्योंकि इससे आपके करियर पर बुरा असर पड़ सकता है।
यह जानना जरूरी है ताकि आगे चलकर मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न न हो। विदेशों में कई कंपनियों में लव कॉन्ट्रैक्ट जैसी पॉलिसी अपनाई जाती है, जिससे कंपनी अपने हितों और विवादित मसलों पर सतर्कता बरतती है। वैसे दोनों को खुलकर पर्सनल-बिजनेस रिश्ते पर बात करनी चाहिए। इसके अलावा ऑफिस में सहकर्मी के साथ डेटिंग में संलग्न होने से पहले कंपनी की पॉलिसी के बारे में जानकारी जरूर हासिल कर लें। यदि ऑफिस में कोई सहकर्मी आपके पहले प्रपोजल को मना कर देता है, तो उसे आप ना ही समझें। दोबारा इस संबंध में बात न करें तो बेहतर होगा। क्योंकि इससे आपके करियर पर बुरा असर पड़ सकता है।
काम पर पड़ता है बहुत असर
निश्चित तौर पर ऑफिस में रोमांस और सहकर्मियों के आपसी नजदीकी संबंधों का प्रभाव काफी व्यापक होता है। ऐसे में ऑफिस गॉसिप और एक-दूसरे की छवि या साख को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के ग्रुप एकसाथ सक्रिय हो जाते हैं। संस्थान के साथ-साथ कर्मचारियों की कार्यकुशलता पर भी इसका असर होता है। कई बार जब संबंध टूटते हैं तो उसका सीधा असर काम पर दिखने लगता है।
हम दिनभर का एक बड़ा वक्त अपने सहकर्मियों संग बिताते हैं। ऐसे में उनसे भावनात्मक व सामाजिक संबंध बनना स्वाभाविक है। इसलिए ध्यान दें कि काम पर कोई असर न पड़े।इसके लिए एक-दूसरे को स्पेस दें। निजी भावनाओं को कार्यस्थल और कार्यकुशलता पर हावी न होने दें। ऑफिस में वर्किंग रिलेशन ही रखें। आप वर्किंग आवर्स और अपने रिश्ते के बीच अंतर बनाए रखें। यह सोच आपकी कंपनी प्रबंधन को भी सकारात्मक संदेश देने लगेगी।
निश्चित तौर पर ऑफिस में रोमांस और सहकर्मियों के आपसी नजदीकी संबंधों का प्रभाव काफी व्यापक होता है। ऐसे में ऑफिस गॉसिप और एक-दूसरे की छवि या साख को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के ग्रुप एकसाथ सक्रिय हो जाते हैं। संस्थान के साथ-साथ कर्मचारियों की कार्यकुशलता पर भी इसका असर होता है। कई बार जब संबंध टूटते हैं तो उसका सीधा असर काम पर दिखने लगता है।
हम दिनभर का एक बड़ा वक्त अपने सहकर्मियों संग बिताते हैं। ऐसे में उनसे भावनात्मक व सामाजिक संबंध बनना स्वाभाविक है। इसलिए ध्यान दें कि काम पर कोई असर न पड़े।इसके लिए एक-दूसरे को स्पेस दें। निजी भावनाओं को कार्यस्थल और कार्यकुशलता पर हावी न होने दें। ऑफिस में वर्किंग रिलेशन ही रखें। आप वर्किंग आवर्स और अपने रिश्ते के बीच अंतर बनाए रखें। यह सोच आपकी कंपनी प्रबंधन को भी सकारात्मक संदेश देने लगेगी।
कंपनी का फायदा
ऐसे रिश्तों में दोनों ऑफिस की प्रायोरिटी समझते हैं, जिससे पारिवारिक तनाव कम होता है। नतीजतन फायदा संस्थान को होता है। वे एक ही जॉब प्रोफाइल में हैं तो कंपनी की आंतरिक जानकारी दूसरे संस्थानों तक जाने की आशंका भी नहीं रहती।
ऐसे रिश्तों में दोनों ऑफिस की प्रायोरिटी समझते हैं, जिससे पारिवारिक तनाव कम होता है। नतीजतन फायदा संस्थान को होता है। वे एक ही जॉब प्रोफाइल में हैं तो कंपनी की आंतरिक जानकारी दूसरे संस्थानों तक जाने की आशंका भी नहीं रहती।