ऑस्ट्रेलिया फतह कर बोले चेतेश्वर पुजारा- मेरी ये है अब तक की BEST टीम
भारत की रन मशीन चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने वाली वर्तमान टीम के बारे में कहा कि वह अब तक जितनी भी टीमों का हिस्सा रहे हैं उनमें यह सर्वश्रेष्ठ है. पुजारा ने 74.42 की औसत से 521 रन बनाए, जिसमें तीन शतक शामिल हैं. उन्हें इस ऐतिहासिक जीत पर मैन ऑफ द सीरीज चुना गया. इसके अलावा वह सिडनी टेस्ट में 193 रनों की पारी की बदौलत मैन ऑफ द मैच भी रहे. पुजारा पहली बार किसी टेस्ट सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज चुने गए हैं.
भारत की सीरीज में 2-1 से जीत के बाद पुजारा ने कहा, ‘यह हम सबके लिए शानदार अहसास है. हमने विदेशों में सीरीज जीतने के लिए कड़ी मेहनत की और ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतना कभी आसान नहीं रहा. मैं जिन भारतीय टीमों का हिस्सा रहा उनमें यह सर्वश्रेष्ठ है. मैं टीम के सभी साथियों को बधाई देता हूं.’
पुजारा ने गेंदबाजी आक्रमण की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘हम चार गेंदबाजों के साथ खेले और 20 विकेट लेना आसान नहीं है. इसलिए श्रेय तेज गेंदबाजों और स्पिनरों को जाता है. यह उल्लेखनीय है.’ टेस्ट सीरीज में शानदार फॉर्म के बारे में पुजारा ने कहा, ‘मैं अपने योगदान से वास्तव में बहुत खुश हूं. एक बल्लेबाज के रूप में मैंने तेजी और उछाल से सामंजस्य बिठाया. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में खेलने से मुझे अपनी तकनीक में सुधार करने में मदद मिली. मेरे लिहाज से यह सब तैयारियों से जुड़ा है और मैं अच्छी तरह से तैयार था.’
पुजारा ने एडिलेड में सीरीज के पहले मैच में शतक को विशेष करार दिया. उन्होंने कहा, ‘एडिलेड में शतक लगाना और फिर 1-0 से बढ़त हासिल करना. हमारा यही लक्ष्य था.’ भविष्य की अपनी योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं स्वदेश में कुछ प्रथम श्रेणी मैचों और आईपीएल के दौरान काउंटी क्रिकेट में खेलूंगा. अगली टेस्ट सीरीज छह-सात महीने बाद है और इससे मुझे तैयारियों के लिए कुछ समय मिलेगा. मैं सीमित ओवरों की क्रिकेट खेलना चाहता हूं पर टेस्ट क्रिकेट मेरी प्राथमिकता है और यह हमेशा रहेगा.’
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने स्वीकार किया कि एक मजबूत टीम ने उनकी टीम को हर विभाग में मात दी और भारत जीत का हकदार था. पेन ने कहा, ‘भारत को जीत पर बधाई. हम जानते हैं कि भारत में जीतना कितना मुश्किल है इसलिए विराट और रवि को बधाई क्योंकि यह बड़ी उपलब्धि है. वे सीरीज में जीत के हकदार थे.’