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ऑस्ट्रेलियाई कोच ने कहा, हम मैच जीतने आए हैं, हेलमेट पर गेंद मारने नहीं

लंदन: इंग्लैंड में चल रही एशेज सीरीज (Ashes Series) में लॉर्ड्स टेस्ट के ड्रॉ होने के बाद रोमांच बढ़ गया है, लेकिन उस मैच में स्टीव स्मिथ के जोफ्रा आर्चर की बाउंसर पर घायल होकर पहले बाकी मैच और फिर अब तीसरे टेस्ट से बाहर होने का मामला सुर्खियों में है. इस मामले में जोफ्रा आर्चर भी खूब चर्चा में जिन्होंने लॉर्ड्स में शानदार गेंदबाजी की. आर्चर ने ऑस्ट्रेलिया को मैच में अपनी तेज गेंदबाजी से बैकफुट पर रखा. इस मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्चिन लैंगर का रहा है कि ऑस्ट्रेलिया टीम बदले की भावना से इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच बाउंसर्स की लड़ाई में नहीं कूदेगी.

केवल इसी बात की तैयारी करनी होगी
लैंगर ने कहा कि उनकी टीम बेशक आर्चर की बाउंसर्स को कैसे खेलना है इसकी पूरी तैयारी कर के मैच में उतरेगी. आर्चर ने अपनी बाउंसर से स्मिथ को परेशान कर दो बार चोटिल किया था और दूसरी बार स्मिथ को मैदान छोड़ कर ही जाना पड़ा था. इसके बाद आर्चर ने दूसरी पारी में स्मिथ जगह खेलने आए मार्नस लेबुचाने को भी खासा परेशान किया था. स्टीव स्मिथ इस मैच के बाद अब तीसरे टेस्ट से भी कन्कशन चोट के कारण बाहर हो गए हैं.

लैंगर ने कहा की इस घटना से उनकी टीम की रणनीति में कोई बदलाव नहीं आएगा. उन्होंने हेडिंग्ले में रिपोर्ट्स से बात करते हुए कहा, “ हम कम से कम इस भावनात्मक लड़ाई में फंसने वाले नहीं हैं कि सबसे तेज गेंदबाजी कौन कर पाता है, हम यहां टेस्ट मैच जीतने आए हैं. यह देखने नहीं कि हम कितने हेलमेट्स पर गेंद मार सकते हैं. मुझे पूरा यकीन है कि बाउंसर तेज गेंदाबाज का प्रमुख हथियार होता है, लेकिन यह हमारे बल्लेबाजों की मदद करेगा तो हम उसका उपयोग करेंगे, नहीं तो हम अपनी योजना पर ही टिके रहेंगे. इंग्लैंड टीम वैसी ही रहेगी, मुझे यकीन है कि उनके पास हमारे बल्लेबाजों को आउट करने की योजना होगी न कि उन्हें चोटिल कर मैदान से बाहर करने की.

लैंगर लंदन में आर्चर की तेजी से ही नहीं बल्कि इकोनॉमी से भी खासे प्रभावित दिखे जहां उन्होंने मैच में दो रन प्रति ओवर के करीब देकर 91 रन देकर 5 विकेट लिए थे. उन्होंने कहा कि टीम को आर्चर के खिलाफ रन बनाने के तरीके खोजने होंगे. “हमारे लड़के ऑस्ट्रेलिया में बहुत शॉर्ट बॉल क्रिकेट खेलते हैं. वे उछाल वाली पिच पर खेलते हैं. इसलिए वे बैकफुट पर खेलने के आदी हैं और मुझे यकीं है कि वे इसके हिसाब से तैयारी कर लेंगे. हम जानते हैं कि हमारे खिलाफ क्या है और हम उसके लिए पूरी तरह से तैयार होंगे. हमें होना ही होगा वर्ना हम सीरीज ही गंवा देंगे.”

लैंगर ने कहा कि उनकी टीम को ठंडे दिमाग से खेलना होगा. लैंगर ने कहा, “आपको अपनी काबलियत से खेलना होगा भावनाओं से नहीं. युवा खिलाड़ियों के लिएयह मुश्किल होता है यहां तक कि सीनियर खिलाड़ी भी माहौल के झासें में आ जाते हैं, लेकिन यह ईगो को खेल नहीं है आपको अपनी काबिलयत पर भरोसा करना पड़ता है और गेंद पर बाज की तरह नजर रखनी पड़ती है. यह एक मानसिक चुनौती है. एकाग्रता की चुनौती है और यह चुनौती चैंपियन खिलाड़ियों के लिए ज्यादा होती है.”

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