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कई वर्षों तक जारी रहेगी आठ फीसदी की आर्थिक गति

800x480_image58130779प्रमुख ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू खपत के बढ़ते दायरे की ताकत पर भारतीय अर्थव्यवस्था अगले कई वर्षों तक सहज तरीके से आठ फीसद की रफ्तार से बढ़ती रहेगी, वहीँ एपैक इकोनॉमिक स्नैपशॉट्स-सितंबर 2016 की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि भारत के संरचनात्मक सुधार के एजेंडे ने माहौल को बेहतर बनाया है. खासतौर पर हाल ही में पारित हुए जीएसटी बिल के कारण विकास की दर और गति पकड़ेगी.

हालांकि खाद्य पदार्थों, ईंधन व कीमत में तेज उतार-चढ़ाव वाली चीजों की वजह से महंगाई बढ़ने का खतरा बना रहेगा. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून में विकास दर 7.1 फीसद रही है.

बता दें कि इससे पहले जनवरी से मार्च की तिमाही में विकास दर 7.9 फीसद थी. रिजर्व बैंक ने भी कहा है कि निकट भविष्य में विकास की संभावनाएं बेहतर हैं. चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.6 फीसद रहना का अनुमान है.

उधर वित्त मंत्रालय देश की रेटिंग सुधारने का मुद्दा मूडीज के समक्ष कल बुधवार को प्रमुखता से उठाएगा. जब इस ग्लोबल रेटिंग एजेंसी के प्रतिनिधि आर्थिक मामलों के सचिव व मंत्रालय के अन्य अधिकारियों से मुलाक़ात करेंगे. रेटिंग सुधार के लिए एजेंसी के सामने आर्थिक सुधारों से जुड़े जीएसटी, बैंक्रप्सी, सरफेसी और ऋण वसूली ट्रिब्यूनल जैसे लंबित विधेयकों के पारित होने की दलीलें जोर देकर पेश की जाएंगी, ताकि रेटिंग में सुधार हो सके.

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