बता दें कि चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जन्मस्थली कोटद्वार स्थित कण्वाश्रम है. बसंत पंचमी के दिन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने घोषणा कर कहा कि जल्द ही कण्वाश्रम की ऐतिहासिकता को लेकर वह दिल्ली में एक गोष्ठी आयोजित करवाएंगे.
इतना ही नहीं, सीएम हरीश रावत ने यह भी स्पष्ट किया है कि कण्वाश्रम के बारे में अधिक से अधिक लोग जान सकें इसके लिए इसे पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा.
12 फरवरी के अपने कोटद्वार दौरे के दौरान सीएम ने स्पष्ट करते हुए सीएम ने कहा कि चक्रवर्ती सम्राट अशोक के नाम से इस देश को भारत नाम मिला. उनकी जन्मस्थ को जल्द ही वह पहचान दिलाने का काम किया जाएगा, जिसकी वह हकदार है.
कण्वाश्रम को पर्यटन सर्किट से भी जोड़ने की बात करते हुए सीएम हरीश रावत ने कहा कि लैंसडाउन-कोटद्वार पर्यटन सर्किट का नाम भी कण्वाश्रम पर्यटन सर्किट के नाम से जाना जाएगा ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक यह जान सके कि आखिर कण्वाश्रम की ऐतिहासिकता क्या है.