कभी भूल से भी एक साथ न रखें तुलसी और शिवलिंग, वरना…
हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में धार्मिक कार्यो में तुलसी का बेहद ही ज्यादा महतव है, तुलसी के पौधे को इस धर्म में देवी को रूप माना जाता है। इतना ही नहीं प्राचीन समय से ही तुलसी का प्रयोग आयुर्वेद के लिए किया जाता है, अपने धार्मिक महत्व के कारण तुलसी का पौधा हर हिंदू परिवार में रखा जाता है। ये तो हो गई तुलसी के बारे में बातें लेकिन कई लोग जो शिव जी के भक्त होते हैं वो अपने घरों में इनकी स्थापना करते हैं पर आपको ऐसा करने से पहले कई सारी बातों का ध्यान देना होता है।
शास्त्रों में कहा जाता है कि अगर आप अपने घर में भगवान शिव की प्रतिमा या फिर शिवलिंग की स्थापना करना चाहते हैं तो कभी भूल से भी शिवलिंग की स्थापना कभी भी तुलसी जी के साथ नहीं करनी चाहिए। तुलसी मां के साथ भगवान शालिग्राम की स्थापना ही की जाती है। कुछ लोग ऐसे भी होते है जो तुलसी के साथ शिवलिंग स्थापित करने की भूल करते हैं।
इसके अलावा ये भी बताया जाता है कि शिवलिंग की स्थापना कभी भी बंद जगह पर न करें। मसलन, कमरे के अंदर अगर मंदिर है तो वहां शिवलिंग स्थापित न करें ध्यान रहे कि इनकी स्थापना खुली जगह पर ही करें।
अगर आप भगवान शिव को अपने घर में या फिर घर के बाहर किसी भी मंदिर में स्थापित कर रहें है तो साफ सफाई को विशेष ध्यान रहें क्योकि शिव जी को साफ सफाई बहुत पसंद है। वो सादगी से पर शांति से ध्यान करने में भरोसा रखते हैं इसलिए शिवलिंग स्थापित करने का स्थान ऐसा न होए जहां पूजा न की जा सके।
सबसे खास बात तो यह है कि घर में स्थापित शिवलिंग की ऊंचाई अंगूठे के ऊपर वाले पोर के बराबर ही हो। उससे बड़ा नहीं होना चाहिए। इससे बड़ा शिवलिंग घर में तांडव मचा सकता है।