मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परिवार में झगड़ा कराने के लिए सांसद बेनी प्रसाद वर्मा पर निशाना साधा। कहा, वे कमाल के नेता हैं। मेरे पिता से ही मेरा झगड़ा करा दिया। उनका बेटा एक बार हमसे मिल लेता तो हम भी उनके परिवार में झगड़ा करा देते।
अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए बेनी प्रसाद वर्मा पर हमला बोला। कहा, अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए हम बाप-बेटे में झगड़ा करा दिया। हमने पड़ोस से टिकट दिया था और जिताने का वादा भी किया था। पर वे जिद करते रहे।
बुजुर्गों का सम्मान है पर बुरे दिन में साथ देने वाले का हम टिकट कैसे काट देते। सीएम ने कहा कि बुआ और भाजपा के खेल को कोई समझ नहीं सकता। आप लोगों ने चूक की तो वे फिर रक्षाबंधन मनाने लगेंगी। कहा कि दो युवाओं का गठबंधन देश की राजनीति बदलने का काम करेगा। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों कुर्सी, रामनगर, बाराबंकी शहर, दरियाबाद व हैदरगढ़ में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। प्रचार के आखिरी दिन धुंआधार मीटिंगों में अपनी उपलब्धियां गिनाईं तो गरीबों, किसानों के लिए काम करने का संकल्प लिया।
‘पुलिस वालों के मेरे पाले में खड़ा कर दिया’
मुख्यमंत्री ने मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि वे हमसे झगड़ा करना चाहते हैं। दंगल में भी जोड़ीदार पहलवानों को लड़ाया जाता है। पर मोदी ने थाने में सपा के गुंडों का हुक्म चलाने की बात कहकर पुलिस को हमारे पाले में भेज दिया है। मोदी ने अच्छे दिन वाला एक भी काम किया हो तो बता दें। हमने तो नोटबंदी में भी दो लोगों की मौत के बाद पीड़ित परिवारीजनों को दो-दो लाख रुपये दिए। हमारी सरकार बनी तो सबको समाजवादी पेंशन मिलेगी। किसानों का कर्ज माफ होगा।
रामनगर की सभा में अखिलेश ने बेनी प्रसाद वर्मा पर तंज कसते हुए कहा कि बेटे को टिकट न देने पर मुझे पार्टी से निकलवा दिया गया। हमने तो 35 विधायक देकर सम्मान दिलाया था पर वे एक सीट पर नहीं मानें। जिस साइकिल ने उन्हें सम्मान दिलाया अब उसे हराने में साजिश कर रहे हैं। इस लड़ाई में हमारी मदद करना। क्षेत्र के सारे विकास की जिम्मेदारी मेरी है। उन्होंने बुढ्वल चीनी मिल शुरू कराने का भरोसा दिलाया। कहा, किन्हीं कारणों से नहीं चली तो नई चीनी मिल स्थापित होगी।
बुआ व भाजपा के खेल को नहीं समझ सकता कोई
सीएम ने कहा कि आप लोगों ने बुआ को सुन लिया होगा। कह रही हैं कि विपक्ष में बैठूंगी… मतलब पहले ही हार मान ली। पर बुआ और भाजपा के खेल को कोई समझ नहीं सकता, उनसे होशियार रहना। नकदी लेकर टिकट देती हैं और नकदी लेकर कौन सा फैसला लेती हैं, उससे बचना है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में साइकिल बढ़ी थी। दूसरे में रफ्तार तेज हुई और तीसरे में इतना दौड़ा दो कि सब पीछे छूट जाएं।