व्यापार

कर्ज के जंजाल में फंसा रियल एस्टेट कंपनियां

दस्तक टाइम्स/एजेंसी-
2015_11image_12_54_485760278home-llनई दिल्लीः रियल एस्टेट कंपनियों की मुसीबत आने वाले वक्त में और बढ़ सकती है। घर नहीं बिकने से हालात तो खराब है ही साथ ही कर्ज के जंजाल में वो बुरी तरह से फंसती जा रही है। कहीं से कोई सहारा मिलता भी नहीं दिख रहा है। रियल एस्टेट कंपनियों की 30,000 करोड़ रुपए कर्ज की रिफाइनेंसिंग फंसी हुई है। कर्ज रिफाइनेंसिंग ना होने से रियल्टी कंपनियों पर नई मुसीबत आ गई है। रियल एस्टेट कंपनियों के लिए मध्यम अवधि में 30,000 करोड़ रुपए की रिफाइनेसिंग मुश्किल हो गई है। 2014-15 में कंपनियों पर 61,500 करोड़ रुपए का कर्ज है और माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 2016 में कर्ज 70,000 करोड़ रुपए के पार जा सकता है। रियल्टी सैक्टर को सरकारी रियायतों से कुछ खास फायदा नहीं मिल रहा है और दिल्ली-एनसीआर में बिक्री में सबसे ज्यादा गिरावटट दर्ज की जा रही है।रियल एस्टेट की खास दिक्कतें ये हैं कि उसके कर्ज की रिफाइनेंसिंग मुश्किल तो है ही साथ में प्रॉपर्टी की मांग घटने और कंस्ट्रक्शन लागत बढ़ने से कंपनियां लगातार घाटे में जा रही हैं। इसके अलावा पीई निवेशकों की ज्यादा ब्याज की मांग भी रियल्टी सैक्टर की मुश्किलें बढ़ा रही हैं।

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