कर्ज लौटाएं माल्या नहीं तो होगी कार्रवाई : जेटली
एजेन्सी/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उद्योगपति और यूबी समूह के चेयरमैन विजय माल्या को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि माल्या जैसे ऋण भुगतान में जान बूझ कर चूक करने वालों को बैंकों को सम्मान से बकाए का भुगतान करना चाहिए। यह उनकी जिम्मेदारी है।
ऐसा नहीं करने पर वे ऋणदाताओं और जांच एजेंसियों के दबाव का सामना करने के लिए तैयार रहें। जेटली ने कहा कि बैंकों के पास विजय माल्या की समूह कंपनियों की कुछ परिसंपत्तियां गिरवी पड़ी हैं। वे 9,000 करोड़ रुपये से अधिक ऋण की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा कि बैंकों के पास कुछ प्रतिभूतियां हैं। बैंक और अन्य एजेंसियों के पास कानूनी कार्रवाई के जरिए कुछ दबाव डालने वाले तरीके हैं। संबद्ध एजेंसियां इनकी जांच कर रही हैं। इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में माल्या का नाम लिए बगैर कहा था कि ऋण लेकर भागने वालों को वापस लाया जाएगा।
एनपीए समधान की प्रकिया होगी शुरू
अरुण जेटली ने कहा कि वसूली न किए जा सकने वाले ऋण (एनपीए) के समाधान की प्रक्रिया अब शुरू होगी। एक एनपीए आर्थिक माहौल के कारण होता है। जिसका कारण उद्योग के किन्हीं खंडों में नुकसान होना होता है। अब हम उन क्षेत्रों के समाधान की कोशिश कर रहे हैं। सरकार स्टील, कपड़ा, हाईवे, इंफास्ट्रक्चर क्षेत्र में वसूली न किए जा सकने वाले ऋण के समाधान की दिशा में काम कर रही है।
2 को छोड़ा था देश
माल्या ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की अपनी समूह कंपनियों से ऋण वसूली के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई से कुछ दिन पहले 2 मार्च को देश छोड़ा था। माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस पर एसबीआई के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के कंसोर्टियम का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि वह लंदन में है।