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कर्तव्य की पेश किया मिसाल, बेटे ने कटा पिता का चालान

यह अपनी तरह का अनूठा मामला है जब किसी शख्स ने ड्यूटी निभाते हुए अपने किसी घरवाले के खिलाफ कार्रवाई की हो। फिल्मों और धारावाहिकों में ऐसी घटनाएं तो दिखाई देती है लेकिन असल जिंदगी में ऐसा कम ही देखने को मिलता है। अखिलेश सिंह ने ड्यूटी के दौरान जो बर्ताव अपने पिता के साथ किया, उसे देख उनकी टीम में शामिल बाकी लोगों को निश्चित ही प्रेरणा मिली होगी।

मध्य प्रदेश: आमतौर पर जब वाहन चेकिंग या पूछताछ के लिए पुलिस किसी को रोक लेती है तो कई लोग पुलिस में ही किसी जानकार को फोन लगाकर चालान से बचने की कोशिश करते हैं। ऐसा भी देखने में आता है कि अगर किसी शख्स के पिता या कोई रिश्तेदार पुलिस में होते हैं तो वह हेलमेट लगाने या गाड़ी के कागज साथ लेकर चलने की जगह गाड़ी पर ‘पुलिस’ या ‘प्रेस’ लिखवाना बेहतर समझते हैं। आमतौर पर लोग मानते हैं कि ऐसा लिखवा लेने से पुलिस चालान नहीं काटती है। लेकिन मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में ऐसा नहीं हुआ। यहां एक सरकारी ​अधिकारी द्वारा कानून और यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर उनके पुलिसकर्मी बेटे ने ही उनका चालान काट दिया। मध्‍य प्रदेश के उमरिया जिले में पुलिस उपनिरीक्षक के पद पर तैनात अखिलेश सिंह शनिवार को वाहन चेकिंग कर रहे थे। उपनिरीक्षक अखिलेश सिंह के पिता आर.बी. सिंह कटनी जिले की बहोरीबंद तहसील में एसडीओ के पद पर तैनात हैं। शुक्रवार (26 अक्टूबर) को एसडीओ आरबी सिंह उमरिया में अपने परिवार से मिलने के लिए आ रहे थे। लेकिन वाहन चेकिंग के दौरान उनकी कार को अखिलेश सिंह ने वाहन चेकिंग के दौरान रोक लिया। दोनों लोग एक-दूसरे को देखकर हैरान रह गए। उसी दौरान उपनिरीक्षक अखिलेश सिंह ने देखा कि उनके पिता आरबी सिंह की कार के शीशे पर काली फिल्म चढ़ी हुई है। उपनिरीक्षक अखिलेश सिंह ने अपने साथी पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया कि कार से काली फिल्म निकाल दी जाए। इसके अलावा अखिलेश सिंह ने अपने पिता का चालान भी काट दिया। अखिलेश सिंह के पिता आरबी सिंह ने खुशी-खुशी जुर्माने का भुगतान कर दिया। नियम के मुताबिक, सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट-1989 के तहत शीशों पर रंगीन या काली फिल्म लगवानी है तो विजिबिलिटी 50% से कम नहीं होनी चाहिए। सामने और पीछे वाले शीशों की विजिबिलिटी 70 फीसदी होनी चाहिए। हालांकि अलग-अलग राज्यों में नियम अलग होते हैं।

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