कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले फेक न्यूज़ को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जंग छिड़ गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी आगमी चुनाव में हार के डर से उनके खिलाफ फेक न्यूज़ यानी झूठी खबरें फैला रही है. कर्नाटक में 12 मई को चुनाव होने हैं. मंगलवार को कर्नाटक में कई मीडिया संगठनों और लाखों मतदाताओं को व्हाट्सएप के जरिए उम्मीदवारों की लिस्ट मिली. कहा गया कि ये लिस्ट कांग्रेस ने जारी की है.
इस लिस्ट में 132 उम्मीदवारों के नाम थे. दरअसल इन दिनों कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति दिल्ली में उम्मीदवारों की चयन के बारे में चर्चा कर रही है. कई लोगों को इस खबर पर यकीन भी हो गया. कुछ टीवी चैनलों ने भी इस लिस्ट को दिखा दिया. बाद में जब इस लिस्ट को कांग्रेस कार्यालय को भेजा गया तब जाकर पार्टी के कुछ बड़े नेताओं ने इसे नकली करार दिया.इस नकली लिस्ट पर कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडीस के हस्ताक्षर भी थे. लेकिन नकली लिस्ट बनाने वाले ये भूल गए कि फर्नांडिस इन दिनों गंभीर रूप से बीमार हैं और दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. ऐसे में फर्नांडीस इन दिनों अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता नहीं है.
इस नकली लिस्ट में बताया गया कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी उम्मीदवार बनाया गया है. ये भी दावा किया गया कि खड़गे अपने बेटे और राज्य के आईटी और पर्यटन मंत्री प्रियांक खड़गे की जगह चुनाव लड़ेंगे. फेक न्यूज़ से परेशान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्वीट करते हुए लोगों से अपील की कि वो इस पर यकीन न करे. कर्नाटक के एआईसीसी के प्रभारी सचिव और पूर्व सांसद मधु याशकी गॉड ने फेक न्यूज़ के लिए सीधे-सीधे बीजेपी के आईटी सेल को जिम्मेदार ठहराया. बीजेपी के खिलाफ उन्होंने आपराधिक कार्रवाई की धमकी देते हुए कहा कि भगवा पार्टी ने लोगों को भ्रमित करने के लिए फेक न्यूज़ की कला में महारत हासिल कर ली है.
I am told a list of Congress candidates for Karnataka Election is under circulation.
The AICC has not approved the list of candidates yet. The “list” under circulation is fake. It has been done to create confusion.
Please don’t patronize products of the #FakeNews factory.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) April 10, 2018
क्रांग्रेस पर फेक न्यूज़ से लगातार हमले किए जा रहे हैं. सिर्फ तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर एक ‘गोपनीय रिपोर्ट’ लोग शेयर कर रहे थे. इसमें कहा गया कि राज्य की खुफिया प्रमुख ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सलाह दी है कि वो मैसूर जिले के चामुंडेश्वरी से चुनाव न लड़ें. इस रिपोर्ट में खुफिया प्रमुख और टॉप आईपीएस ऑफिसर एएम प्रसाद ने हस्ताक्षर किए थे. लेकिन यहां भी फेक न्यूज़ बनाने वाले अपना होमवर्क करना भूल गए. दरअसल एएम प्रसाद पहले से ही एक डीजीपी-रैंक के अधिकारी हैं, लेकिन रिपोर्ट पर उनके पद को एडीजीपी कहा गया था. इतना ही नहीं बेंगलुरु में खुफिया कार्यालय का पता भी गलत था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने साफ किया कि ऐसी रिपोर्टें हमेशा मौखिक होती है न कि लिखित. कांग्रेस ने आशंका जताई है कि अगले एक महीने के दौरान कई और फेक न्यूज़ से उनके नेताओं पर हमले हो सकते हैं. बीजेपी ने अभी तक इस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.